पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को लद्दाख पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी और 90 घायल हो गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है।

गृह मंत्रालय ने कहा था कि वांगचुक ने नेपाल में Gen Z विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करके लोगों को गुमराह किया।

एफसीआरए लाइसेंस कर दिया था रद्द

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त रुख दिखाते हुए गुरुवार को सोनम वांगचुक के द्वारा बनाए गए NGO स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था। वांगचुक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि वह NGO के लिए सिर्फ एक दानदाता हैं और वहां पढ़ाते हैं।

मंत्रालय ने यह कार्रवाई NGO के खातों में पाई गई कई कथित गड़बड़ियों के आधार पर की थी जिसमें स्वीडन से किया मनी ट्रांसफर भी शामिल था। गृह मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया है।

बीजेपी दफ्तर में लगाई आग

बीजेपी दफ्तर में लगा दी थी आग

बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया और बीजेपी के कार्यालय में आग लगा दी थी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठीचार्ज किया था। 

वांगचुक ने जताई थी जेल में डालने की आशंका

वांगचुक ने आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें जेल में डालने के लिए उनके खिलाफ मामला बना रही है। वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है।

वांगचुक ने कहा था, “मैं देख रहा हूं कि वे मुझ पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने और मुझे दो साल के लिए जेल में डालने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इसके लिए तैयार हूं लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद छोड़ने से कहीं ज्यादा समस्याएं उन्हें सोनम वांगचुक को जेल में रखने से हो सकती हैं।”

हिंसा की न्यायिक जांच हो- कांग्रेस

कांग्रेस ने लेह में विरोध प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को X पर पोस्ट किया, ‘‘मेरे सहयोगी नवांग रिग्जिन जोरा ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर 24 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में चार युवकों के मारे जाने की घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।’’

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