सरकार ने सोमवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया, जिसके बाद सरकार के इस निर्णय की हर तरफ आलोचना होने लगी। गोगोई के राज्यसभा भेजे जाने के फैसले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। विपक्ष से लेकर उनके सहयोगी तक सभी उनकी आलोचना कर रहे हैं। इसी बीच शपथ लेने से पहले ही राज्यसभा की वेबसाइट पर उनका नाम दिखा है। हालांकि थोड़ी देर बाद इसे हटा दिया। लेकिन तब तक कई लोग इसका स्क्रीनशॉट ले चुके थे।

पत्रकार प्रणय उपाध्याय ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उपाध्याय ने राज्यसभा की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट ट्वीट कर लिखा ” हालही में पूर्व CJI रंजन गोगोई को उच्च सदन के लिए नामित किया गया है। शपथ लेने से पहले ही उनका नाम वेबसाइट पर दिखाई दे रहा है। लेकिन बाद में राज्यसभा सचिवालय के ध्यान में लाए जाने पर इस गलती को सुधार लिया गया है।”

इसके साथ शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में राज्यसभा की वेबसाइट पर न्यायाधीश रंजन गोगोई का नाम साफ-साफ देखा जा सकता है। ये नाम वहां गलती से आ गया था हालांकि ट्वीट के मुताबिक इसके बारे में जैसे ही राज्यसभा सचिवालय को पता चला उन्होंने इसे साइट से हटा दिया।

बता दें उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसफ सहित पूर्व न्यायाधीशों ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन की कड़ी आलोचना की थी और कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पद लेना न्यायपालिका की स्वतंता को “कमतर” करता है।

जोसफ ने गोगोई और दो अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों जे. चेलमेश्वर और मदन बी. लोकुर के साथ 12 जनवरी 2018 को संवाददाता सम्मेलन करके तत्कालीन सीजेआई के तहत उच्चतम न्यायालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। जोसफ ने कहा कि गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के “सिद्धांतों से समझौता” किया है। जोसफ ने हैरानी जताई और कहा कि गोगोई द्वारा इस मनोनयन को स्वीकार किये जाने ने न्यायापालिका में आम आदमी के विश्वास को हिला कर रख दिया है।