केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और न्यायपालिका के बीच एक बार फिर तकरार देखने को मिली। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी एस ठाकुर ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार कोर्ट में जजों की नियुक्तियां नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम हैं लेकिन उसमें बैठने वाले जज नहीं है। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि आज की तारीख में देश बर के हाई कोर्ट्स में जजों के कुल 500 पद खाली हैं।
आज (शनिवार को) केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के अखिल भारतीय सम्मलेन को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने जजों की कमी और ट्रिब्यूनल्स की खस्ताहाल स्थिति बयां कीं। उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम खाली हैं, उसमें जज नहीं हैं। जिस वक्त चीफ जस्टिस बोल रहे थे सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
चीफ जस्टिस ने अपने भाषण में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज रिटायर्ड होने के बाद किसी भी ट्रिब्यूनल का हेड बनने को तैयार नहीं हैं क्योंकि सरकार उन्हें मूलभूत सुविधा के नाम पर एक आवास भी मुहैया नहीं करवा पा रही है। उन्होंने कहा कि नए ट्रिब्यूनल बनाए जाने से न्यायपालिका को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वे अदालतों का बोझ कम करते हैं, लेकिन इनमें मूलभूत सुविधाएं तो होनी ही चाहिए। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा,क्यों कई ट्रिब्यूनल खाली हैं?
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्य न्यायाधीश की बात पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि सरकार नियुक्ति भरने और सुविधा मुहैया करवाने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड हो रहे सभी जजों को एक ही साइज का आवास देना संभव नहीं है। कानून मंत्री ने कहा कि इस साल कुल 120 जजों की नियुक्ति हुई है जो कि अबतक का दूसरा सर्वोच्च नियुक्ति का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि जिला अदालतों में 5000 पद खाली हैं, लेकिन इन्हें भरने में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति और ट्रिब्यूनलों के जजों को बेहतर सुविधा देने के मामले में पहले भी अदालत अपनी चिंता जाहिर कर चुकी है। चीफ जस्टिस सरकारी रवैये से खिन्न होकर कह चुके हैं कि सरकार चाहे तो अदालतों में ताला लगा दे।
Appointments have been made.121 or so sch appointments have come,but large no. of proposals still pending,hope Govt attends to them also:CJI pic.twitter.com/1NqzDwvwDo
— ANI (@ANI) November 26, 2016
Posts are falling vacant and I am at pains in persuading my colleagues who are demitting office to accept these appointments: CJI Thakur pic.twitter.com/MsKUznajPE
— ANI (@ANI) November 26, 2016