तमिलनाडु के राज्यपाल एन रवि से सुप्रीम कोर्ट खासा नाराज हो गया है। यहां तक कहा गया है कि उनकी तरफ से संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है। असल में कुछ समय पहले ही कहा गया था कि डीएमके नेता K Ponmud को मंत्री के रूप में फिर कैबिनेट में शामिल करवाया जाए। लेकिन संविधान का ही हवाला देकर राज्यपाल ने ऐसा करने से मना कर दिया। उस वजह से डीएमके सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई जहां पर अब सीजेआई चंद्रचूड़ ने एन रवि को बुरी तरह सुनाया है।
सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रूचड़ ने कहा कि राज्यपाल इस समय सुप्रीम कोर्ट की ही अवहेलना कर रहे हैं। मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं कि अगर राज्यपाल ही संविधान का पालन नहीं करेगा, तो सरकार को क्या करना चाहिए। अब अगर आपके शख्स ने कल तक कोई एक्शन नहीं लिया तो हम आदेश पास करेंगे और तब संविधान के तहत राज्यपाल को काम करना ही पड़ेगा। इस समय हमे राज्यपाल के व्यवहार से चिंता हो रही है। वे सुप्रीम कोर्ट को ही चुनौती देने का काम कर रहे हैं।
आगे सीजेआई ने कहा कि राज्यपाल महोदय जो आपको सुझाव दे भी रहे हैं, वो सही नहीं दे रहे हैं। हमारे किसी शख्स के लिए अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन सभी को संविधान और कानून के हिसाब से ही चलना पड़ता है। अगर सीएम चाहते हैं कि किसी शख्स को मंत्री बनाया जाए, राज्यपाल को लोकतंत्र जिम्मेदारी निभाते हुए वैसा करना भी चाहिए।
अब जानकारी के लिए बता दें कि Ponmudi को एक मामले में हाई कोर्ट ने दो साल की सजा दी थी। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उसी सजा पर रोक लगा दी जिसके बाद डीएमके सरकार ने फिर उन्हें मंत्री बनाने की बात कही। लेकिन क्योंकि राज्यपाल ने ऐसा नहीं गया तो मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया जहां से अब राज्यपाल को ही बड़ा झटका लगा है।