सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के बीच हुए विवाद में फिलहाल बार दो फाड़ होती दिख रही है तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के रुख में भी नरमी देखने को मिल रही है। जिस जमीन के मामले की सुनवाई के लिए विकास सिंह और सीजेआई में विवाद हुआ उसके लिए स्पेशल बेंच गठित की गई है। सीजेआई समेत तीन जज उस मामले को सुनेंगे। शुक्रवार को मामले की सुनवाई की जाएगी। सीजेआई के साथ बेंच में संजय किशन कौल और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।

सबसे अहम बात इस मामले में देखने को ये मिली है कि खुद वकीलों ने विकास सिंह को ताकीद कर डाली कि वो कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल के खिलाफ दिए गए दो प्रस्तावों को वापस लेने पर विचार करें।

बुधवार को विकास सिंह का स्टैंड तब और कमजोर पड़ा जब भारत के पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी विकास सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा कि वो सिब्बल और कौल के खिलाफ सख्त रवैया न अख्तियार करें। उनका कहना था कि जूडिशरी और बार के बीच समन्वय होना बहुत जरूरी है।

इससे पहले मंगलवार को 470 वकीलों ने विकास सिंह को चिट्ठी लिख कहा था कि वो सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्ताव को वापस लें।

SCBA ने होली से एक दिन पहले दो सौ से ज्यादा वकीलों की मांग पर कपिल सिब्बल और कौ के खिलाफ दो प्रस्ताव जारी किए थे। इनमें कहा गया था कि दोनों ने सीजेआई से माफी मांगकर गलत किया। उन्हें मामले का पता ही नहीं था तो वो कैसे माफी मांगने चले गए। दोनों के खिलाफ दो प्रस्ताव दिए गए थे। इन प्रस्तावों को बार की जनरल बॉडी की मीटिंग में 16 को रखा जाना था। वोटिंग से फैसला कराया जाना था कि सिब्बल और कौल को नोटिस दिया जाए या नहीं।

ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट में मौजूद जमीन के एक टुकड़े को बार के हवाले करने की मांग विकास सिंह कर रहे हैं। वो इस मामले की अर्जेंट सुनवाई के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में पहुंचे थे। सीजेआई ने उनसे कहा कि वो एक आम याचिका कर्ता की तरह से उनके मामले को सुनेंगे। इस पर विकास सिंह ने कहा कि जल्दी तारीख लेने के लिए उन्हें सीजेआई के घर भी जाना पड़ा तो जाएंगे। फिर क्या था सीजेआई का पारा चढ़ गया। उन्होंने चीखते हुए विकास सिंह को अपनी कोर्ट से बाहर जाने को कह दिया। उसके बाद कपिल सिब्बल और कौल ने बार की तरफ से सीजेआई से माफी मांगी।