चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाआई चंद्रचूड़ एक अलग ही शख्सियत के मालिक हैं। कानूनी मामलों में वो लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। भीड़ से हटकर अपनी बात कहना उनका शगल है। लेकिन न्यायपालिका से अलहदा भी उनकी एक शख्सियत है जिसे सुप्रीम कोर्ट में कई दफा देखा गया है। निजी जिंदगी की बात की जाए तो बहुत सी बातें ऐसी भी हैं जो दुनिया को नहीं पता लेकिन हैं वो सबसे जुदा।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी जिंदगी से जुड़ा एक अहम राज खुद लोगों को बताया है। उनका कहना है कि 20 पार होने के बाद कई चीजों में उन्होंने हाथ आजमाए। इनमें एक खास चीज भी थी। वो कभी ऑल इंडिया रेडियो के लिए जॉकी का काम करते थे। उनका मन भी इस काम में काफी रमा। उन्होंने शिद्दत से ये काम किया। उनके बनाए शोज में ‘Play it cool’, ‘A date with you’ and ‘Sunday requests’ शामिल हैं।
चंद्रचूड़ का कहना है कि संगीत से उनका प्यार आज भी खत्म नहीं हो सका है। वो आज भी रोजाना संगीत जरूर सुनते हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि जब भी वो वकीलों के संगीत से निजात पाते हैं तो संगीत की तरफ ध्यान जरूर लगाते हैं। उनका कहना था कि वकीलों का संगीत कान के लिए ज्यादा मुफीद नहीं होता लेकिन जो संगीत वो उसके बाद सुनते हैं वो कानों को बहुत सुरीला लगता है। सीजेआई ने ये बात IIULER गोवा के पहले अकादमिक सेशन के शुभारंभ के अवसर पर कही। इस दौरान उन्होंने अपनी युवावस्था को लेकर काफी सारी बातें बताईं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र (पुणे) में जन्मे सीजेआई चंद्रचूड़ के दादा विष्णु बी चंद्रचूड़ सावंतवाड़ी रियासत के दीवान थे। बाद में वो बांबे चले आए। वो ऐसे माहौल में बढ़े हुए जहां चारों तरफ संगीत था। उनके दिवंगत पिता व पूर्व सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ शास्त्रीय संगीत में पारंगत थे। मां प्रभा आल इंडिया रेडियो के लिए गाती थीं। चंद्रचूड़ अपनी मां की म्यूजिक टीचर किशोरी अमोनकर के बड़े फैन थे। वो अक्सर उनके घर आया करती थीं। परिवार के लोग बताते हैं कि अमोनकर ने एक ऑटोग्राफ उनको दिया था जिसमें लिखा था कि संगीत संगीतमत तरीके से शांति की तरफ ले जाता है।