Citizenship Law protests: पश्चिम बंगाल के आसनसोल के इमाम मौलाना इमदादुल रशीदी ने पश्चिम बर्धमान शहर में सांप्रदायिक झड़पों के दौरान 2018 में उनके बेटे की मौत हो गई थी। मौलाना ने बंगाल में एनआरसी और नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए शांति की अपील की है। नागरिकता कानून गलत और अस्वीकार्य है। लेकिन इसका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। मौलाना ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वे आम लोगों को परेशान न करें या सार्वजनिक या निजी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं।
शांति और संयम बनाए रखने की अपील: इमाम रशीदी ने आसनसोल से फोन पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रविवार (16 दिसंबर) सुबह से ही एक संदेश सोशल मीडिया पर चल रहा है। उन्होंने इस संदेश में कहा है कि विरोध प्रदर्शनों से आम लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए, किसी भी समुदाय, जाति या धर्म और सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। ऐसा कुछ लोग कर रहे है वह गलत है। मैं शांति और संयम की अपील करता हूं।
Hindi News Today, 16 December 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
शांतिपूर्ण तरीके से हो विरोध: बता दें कि मार्च 2018 में आसनसोल में राम नवमी के जुलूस के बाद सांप्रदायिक झड़पों में अपने 16 वर्षीय बेटे को खोने वाले इमाम इस बात से सहमत है कि प्रस्तावित एनआरसी और नागरिकता अधिनियम से लाखों लोगों को परेशानी में डाल रहे हैं। लोग डरे हुए हैं। कानून के मुताबिक विरोध करना चाहिए। सभी को विरोध करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करना चाहिए, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।
जिनके पास उचित कागजात नहीं है वह कहां जाएंगे: रशीदी ने कहा कि सरकार को लोगों की मदद करना चाहिए उन्हें परेशान नहीं। असम में सरकार इतना पैस खर्चा किया और कई लोगों को हिरासत में रखा गया था। लेकिन अब सरकार कह रही है कि इसे खत्म कर पूरे देश के लिए एनआरसी लाएंगे। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उनका होगा जिनके पास उचित कागजात नहीं है। आखिर वह कहां जाएंगे? हमें इस कानून से कोई नुकसान नहीं है लेकिन यह एक लंबे समय बाद एक विशेष समुदाय को बहुत खराब स्थिति में डाल देगा। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
शहर छोड़ने की दी थी धमकी: बता दें कि 30 मार्च 2018 को उनके बेटे सिबतुल्ला रशीदी को राम नवमी जुलूस के कारण हुई हिंसा में मौत हो गई थी। उस साल जुलूसों के कारण चार मौत हुई थी। बेटे के मौत के बाद मौलाना ने एक मण्डली की अध्यक्षता की जहां उन्होंने शांति की अपील की। उन्होंने भीड़ से कहा था कि अगर प्रतिशोध हुआ तो वह शहर छोड़ देंगे।
भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था: गौरतलब है कि 2018 में सिबतुल्ला जो उस वर्ष दसवीं कक्षा का छात्र था। आसनसोल के रेल पार क्षेत्र में सांप्रदायिक झड़प के बाद लापता होने की सूचना मिली थी। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें एक भीड़ ने उठा लिया था और कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला था। बाद में उसका शव बरामद किया गया था।
शांति का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाला: सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जिम नवाज ने कहा कि शांति के लिए अपील करने वाले इमाम से बेहतर इंसान और कौन हो सकता है। हमने अपील का उनका वीडियो रिकॉर्ड किया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। हमें उम्मीद है कि उनका संदेश उन जगहों तक पहुंच जाएगा, जहां लोग रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक बसों को जलाने में लगे हुए हैं। जिम नवाज एक sohojogita.com नाम की साइट चलाते है। साथ ही NRC अफवाहों से निपटने के लिए जिलों में सेमिनार आयोजित करने वाले समूह का भी हिस्सा है।