नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग अब मालदा रेलवे डिवीजन में भी फैल गई है। डिवीजन के आजिमगंज लाइन पर स्थित नीमतांती बगैरह स्टेशनों पर शनिवार को मुस्लिम संगठनों से जुड़े आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन किया और काफी तोड़फोड़ की। आरपीएफ के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक इस तरह के तीब्र विरोध और हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पूरे मालदा रेल डिवीजन में हाई अलर्ट जारी किया गया है।

भागलपुर, जमालपुर, मुंगेर साहेबगंज, गोड्डा, मालदा बगैरह प्रमुख स्टेशन इस डिवीजन के तहत आते हैं। और इस रूट की स्टेशनों से तकरीबन एक लाख मुसाफिर ट्रेनों में सफर करते है। जिनकी हिफाजत और रेलवे संपत्ति के बचाव का जिम्मा जीआरपी और आरपीएफ पर है।

नागरिकता संशोधन कानून की खिलाफत पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में तीव्र रूप धारण किए हुए है। और रेलवे स्टेशन व ट्रेनें आंदोलनकारियों का सबसे ज्यादा मुलायम निशाना हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, आजिमगंज, पाकुड़, धूलियांन से बांग्लादेश काफी नजदीक है। इस वजह से यहां विरोध की आग तेज है। मालदा रेलवे स्टेशन भी बांग्लादेश से सटा है।

मुर्शिदाबाद के बाद निमतांति रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने काफी तोड़फोड़ की है। आरपीएफ के सूत्रों के मुताबिक उपद्रवियों की शिनाख्त कर कार्रवाई की जाएगी। और पूरे मालदा रेलवे डिवीजन के आरपीएफ अधिकारियों व जवानों को चौकस रहने की हिदायत दी है।

हालांकि बिहार और झारखंड में विरोध के स्वर तो फूटे है। मगर आंदोलन उतना तेज नहीं है। इसी वजह से रेलवे संपत्ति पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल के मुकाबले बिहार के स्टेशन सुरक्षित है। मगर 21 दिसंबर को राजद के बिहार बंद की अपील पर रेलवे सुरक्षा बल सतर्क हो गया है।