Justice Yashwant Varma News: ‘गढ़ डगमगा रहा है’, जस्टिस वर्मा के घर से मिले कैश पर बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी मिलने के मामले में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें मामले की जड़ तक जाना चाहिए। हमारी न्यायपालिका, जिस पर लोगों का अटूट विश्वास है, उसकी नींव ही हिल गई है।

कोच्चि में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ‘मैं चिंतित हूं। क्या यह अकेली घटना है या ऐसी अन्य घटनाएं भी हैं।’ धनखड़ ने कहा कि कानून के समक्ष समानता का मतलब है कि हर अपराध की जांच होनी चाहिए। धनखड़ ने कहा, ‘अगर पैसा इतना ज्यादा है, तो हमें पता लगाना होगा। क्या यह दागी पैसा है? इस पैसे का स्रोत क्या है? यह जज के आधिकारिक आवास में कैसे जमा हुआ? यह किसका था। जो लोग दोषी हैं, उन्हें पहचानिए। उन्हें न्याय के कटघरे में लाइए। अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुई है। केंद्र सरकार इस मामले में अक्षम है, क्योंकि 90 के दशक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले के मद्देनजर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती।’

जस्टिस यशवंत वर्मा पर कब होगी कार्रवाई

सिस्टम को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी – धनखड़

धनखड़ ने कहा, ‘हमारी न्यायपालिका ने 14 और 15 मार्च की रात को अपने इड्स ऑफ मार्च का सामना किया। एक जज के आवास पर बड़ी मात्रा में नकदी थी। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह अब सार्वजनिक डोमेन में है, आधिकारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रखा गया है। अब मुद्दा यह है कि अगर नकदी पाई गई थी, तो सिस्टम को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी और पहली प्रक्रिया इसे आपराधिक कृत्य के रूप में निपटाना चाहिए था।’ उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण ‘गढ़ डगमगा रहा है और इसलिए इस मुद्दे की जांच होनी चाहिए।’

उपराष्ट्रपति ने जाहिर की चिंता

उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना ​​है कि जजों को तुच्छ मुकदमों से बचाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने नकदी की बरामदगी का खुलासा करने में देरी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘कुछ चीजें चिंताजनक हैं। हमें इस जघन्य अपराध के बारे में लगभग सात दिन बाद पता चला।’ रिटायरमेंट के बाद जजों का कार्यभार संभालने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास जजों के लिए रिटायरमेंट के बाद के पद हैं। इसमें चुनने की भी व्यवस्था है। जब चयन की व्यवस्था होती है, तो संरक्षण होता है। यह हमारी न्यायपालिका को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।’ कौन हैं दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा?