केंद्रीय सूचना आयोग ने विदेश मंत्रालय को साल 2013-2017 के बीच प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के दौरान प्रयुक्त एअर इंडिया के चार्टर्ड विमान पर आए खर्च से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने मंत्रालय की इस दलील को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के लिए भारतीय वायुसेना और एअर इंडिया द्वारा दिए गए बिल की राशि, संदर्भ संख्या और बिल की तारीख से जुड़े विवरण से संबधित दस्तावेज एक स्थान पर संकलित नहीं हैं और आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना को एकत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को लगाना पड़ेगा।

यह मामला कोमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) से जुड़ा है। उन्होंने वित्त वर्ष 2013-14 और 2016-17 के बीच प्रधानमंत्री के विदेश दौरों से संबंधित बिल, चालान और अन्य रिकॉर्ड का खुलासा करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान बत्रा ने कहा कि मंत्रालय ने उन्हें अधूरी जानकारी मुहैया कराई जिसके बाद उन्होंने इस शीर्ष अपीलीय प्राधिकार का रुख किया।उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि जनता को इस बारे में सूचित किया जाए कि ये बिल और देय राशि अदायगी के लिए किस सार्वजनिक प्राधिकार के पास लंबित हैं।

बत्रा ने कहा कि इन रिकॉर्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में दबाया नहीं जा सकता। वहीं दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेश का आह्रवाहन करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत विश्व की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दुनिया के साथ कारोबार करने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत-कोरिया कारोबार शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार ने कारोबार के लिए स्थिर माहौल बनाने की दिशा में काम किया है और मनमाने ढंग से फैसले लेने के चलन को खत्म किया है।

मोदी ने कहा, ‘‘रोजाना के लेन-देन को सकारात्मक बनाना हमारा लक्ष्य है। हम संदेह को कुरेदने के बजाय भरोसे का विस्तार कर रहे हैं। यह सरकार की मानसिकता में संपूर्ण बदलाव दर्शाता है।’’ प्रधानमंत्री ने खरीद क्षमता के आधार पर भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही हम सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हम आज विश्व में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी हैं। हम स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी पारिस्थितिकी वाले देशों में से भी एक हैं।’’