LAC पार कर भारतीय सीमाई इलाके में भटके चीनी सैनिक को सेना ने मंगलवार रात को चीन को सौंप दिया। बताया गया है कि भारतीय सेना ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीनी सैनिक कॉरपोरल वांग या को चुशूल-मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के हवाले किया।

बता दें कि भारतीय जवानों ने सोमवार को चीनी सैनिक को डेमचोक इलाके से पकड़ा था। इसके बाद बयान जारी कर कहा गया था कि उसे सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द ही चीनी सेना को सौंप दिया जाएगा। चीन का एक कॉरपोरल भारतीय सेना के नायक के बराबर होता है। पीएलए ने अपने सैनिक के गायब होने की बात भारतीय सेना को भी बताई थी और उसका पता लगाने की रिक्वेस्ट भेजी थी। इसके जवाब में ही भारत ने कॉरपोरल के पकड़े जाने की बात कही थी।

सेना ने सोमवार को ही कहा था कि पीएलए सैनिक को डेमचोक से पकड़ा गया और उसे ऑक्सीजन, खाना और गर्म कपड़ों समेत चिकित्सीय सेवाएं दी गईं। सूत्रों का कहना है कि पीएलए के सैनिक से जरूरी पूछताछ की गई। उससे सीमापार चीनी सेना के फॉर्मेशन की जानकारी ली गई और सैन्य-नागरिक दस्तावेजों के बारे में पूछा गया।

एलएसी पर पांच महीने से भड़के हैं हालात: बता दें कि चीनी सेना लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले पांच महीनों से जुटी है। पीएलए ने पैंगोंग सो पर फिंगर इलाके के बड़े हिस्से पर कब्जा किया है। इसके अलावा गलवान घाटी और डेमचोक में भी चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। चीन की इस हरकत के खिलाफ ही भारतीय सेना ने भी एलएसी पर चौकसी बढ़ा दी है। दोनों ही तरफ से फिलहाल सीमाई इलाके में 50 हजार सैनिक जुटे हैं।

गौरतलब है कि भारतीय सेना द्वारा चीनी सैनिक के पकड़े जाने की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देश एलएसी तनाव को सुलझाने के लिए कोर कमांडर स्तर की एक और बैठक पर विचार कर रहे हैं। अब तक दोनों सेनाओं के बीच सात राउंड्स की चर्चा हो चुकी है।