चीन कंपनी झेनहुआ डेटा की ओर से भारत के बड़े नामों पर नजर रखी जा रही है। इनमें राजनीति, रक्षा और अफसरशाही से जुड़े लोग ही नहीं, बल्कि अपराधी भी शामिल हैं। यह खुलासा अपने आप में काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि इन अपराधियों पर नजर रखने के चीन के इरादे क्या थे। बड़ी बात यह है कि चीनी कंपनी जिन लोगों पर नजर रख रही थी, उनमें आर्थिक अपराध करने वाले हाई-प्रोफाइल नामों से लेकर छोटे मोबाइल चोरों की जानकारी भी इकट्ठा की गई।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने झेनहुआ के डेटाबेस से जो अहम विदेशी लोगों की लिस्ट की जांच की है, उसमें सामने आया है कि चीनी फर्म अगस्ता वेस्टलैंड घूसकांड के आरोपियो से लेकर इनकम टैक्स में गड़बड़ी के आरोपी सत्यम ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रामलिंगा राजू और उनके रिश्तेदारों से जुड़ी 19 कंपनियों के संस्थापकों पर दर्ज केसों की जानकारी रख रही थी। इसके अलावा झारखंड ट्रेजरी से जुड़े चारा घोटाले से लेकर मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से जुड़े व्यापम घोटाले में शामिल लोगों के नाम भी कंपनी के डेटाबेस में दर्ज थे।
इतना ही नहीं झेनहुआ ने राजनीतिक शख्सियतों से जुड़े जिन लोगों के वेंचर की जानकारी रखी थीं, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड शामिल थी, जिसकी मौजूदा समय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है। इसके अलावा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, जिन पर अपने रिश्तेदारों को गैरकानूनी ढंग से फायदा पहुंचाने का आरोप है और झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था, उनके नाम भी झेनहुआ की लिस्ट में शामिल थे।
झेनहुआ की लिस्ट में आतंकवाद से जुड़े नाम भी शामिल: लिस्ट में अन्य जिन लोगों और संस्थानों के नाम शामिल हैं, उनमें भ्रष्टाचार के साथ घूसखोरी और धोखाधड़ी में शामिल लोगों के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर SEBI द्वारा बैन किए गए 500 लोगों के नाम भी लिस्ट में रखे गए हैं। इतना ही नहीं डेटाबेस में आतंकवाद से जुड़े 100 से ज्यादा नाम पाए गए हैं। इनमें आतंकी दाऊद इब्राहिम से लेकर टाइगर मेमन, NIA द्वारा 2014 के बर्दवान ब्लास्ट केस में जांच के दायरे में रखे गए बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन (JMB) के सदस्य; 2013 में छत्तीसगढ़ से पकड़े गए आम लोगों की किडनैपिंग, हत्या, लूट और आगजनी के आरोपी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सदस्य और 2015 में असम से गिरफ्तार किए गए डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के आतंकी भी शामिल हैं।
आईपीएल और क्रिकेट विश्वकप के सट्टेबाजों के नाम भी शामिल: इतना ही नहीं लिस्ट में आईपीएल और 2015 क्रिकेट विश्वकप में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग कराने के 40 आरोपी बुकी भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि आईपीएल में करीब से निगाह रखने के पीछे इस टूर्नामेंट में लगा चीनी निवेश भी शामिल है। बता दें कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो ने 2018 में आईपीएल की 5 साल की स्पॉन्सरशिप के लिए 2199 करोड़ का करार किया था। जहां भारत-चीन सीमा विवाद के चलते वीवो पिछले महीने ही इस समझौते से बाहर हो गया था, वहीं अब उसके रिप्लेसमेंट के तौर पर फैंटेसी स्पोर्ट्स फर्म ड्रीम-11 को लाया गया है, जिसमें चीनी टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट का बड़ा निवेश है।
