भारत-चीन के संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाते हे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के लिए बुधवार को बीजिंग पहुंचे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में बीजिंग का प्रतिनिधित्व करेंगे।

इस वार्ता के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया से कहा, “चीन दोनों नेताओं के बीच बनी आम सहमति को पूरा करने, वार्ता के माध्यम से आपसी विश्वास को बढ़ाने, हमारी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ और स्थिर विकास की ओर वापस ले जाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।”

डोभाल और वांग विशेष प्रतिनिधियों के बीच 23वें दौर की वार्ता करेंगे। उम्मीद है कि वे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ के बाद खराब हो गए थे। यह एसआर-स्तरीय बैठक भारत और चीन के बीच नई दिल्ली में आधिकारिक स्तर की वार्ता के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद हुई है।

भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है चीन

इससे पहले चीन ने मंगलवार को कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति को क्रियान्वित करने और आपसी विश्वास और भरोसा बढ़ाने के लिए काम करने को तैयार है।

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सोमवार रात को विदेश मंत्रालय ने कहा था, “जैसा कि 23 अक्टूबर को कज़ान में दोनों नेताओं की बैठक के दौरान सहमति हुई थी, दोनों विशेष प्रतिनिधि सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे और सीमा प्रश्न का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशेंगे।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी की मुलाकात

कज़ान में मोदी-शी बैठक के बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने नवंबर में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी, जिसके बाद चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए WMCC की बैठक हुई थी। 5 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में सीमा गतिरोध से सीखे गए सबक पर विचार किया गया और प्रभावी सीमा प्रबंधन और शांति-सौहार्द बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया गया।

दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत सहित कई संवाद तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर सहमति व्यक्त की। विशेष प्रतिनिधियों के स्तर की वार्ता का अंतिम दौर दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में हुआ था। भारत-चीन सीमा पर 3,488 किलोमीटर तक फैले विवाद को व्यापक रूप से सुलझाने के लिए 2003 में गठित एसआर तंत्र की पिछले सालों में 22 बैठकें हो चुकी हैं। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग