सीमा पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के चलते भारत में चीन विरोधी लहर पूरे उफान पर दिखा रही है। भारत में जगह जगह चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार की मांग उठ रही है। इस पूरी परिस्थिति ने चीन को चिंता में डाल दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखे गए एक ताजा लेख में भी इस बात की पुष्टि हुई है। लेख में लिखा गया है कि सीमा पर जारी भारत चीन तनाव का असर भारत में स्थित चाइनीज कंपनियों पर भी देखा जा रहा है।

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि हालांकि दोनों देशों की सरकारों ने मामले के शांतिपूर्ण समाधान की इच्छा जाहिर की हैं लेकिन भारत में मौजूद चाइनीज बिजनेस को सलाह दी जाती है कि वह चीन विरोधी भावना का ख्याल रखें। चीन की कंपनियों को मौजूदा स्थिति के शांत होने का इंतजार करने की बजाय अपने निवेश को मजबूत संभावनाओं वाले अन्य बाजारों में शिफ्ट करने के बारे में सोचना चाहिए।

लेख में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार चाइनीज बिजनेस और उनकी पूंजी की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाएगी। लेख में कहा गया है कि भारत में यदि राष्ट्रवाद की भावना ऐसे ही बढ़ती रही तो इससे गंभीर चुनौती पैदा हो सकती है और यह भारत में निवेश की संभावनाओं को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं।

लेख में भारत के साथ बढ़ती तनातनी से चीन को होने वाले आर्थिक नुकसान को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है। ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि भारत और चीन को बढ़ते तनाव के बीच अपने द्विपक्षीय और आर्थिक संबंध बनाए रखने चाहिए। यदि दोनों देश इस मुश्किल समय से बाहर आ जाते हैं तो इसका फायदा दोनों देशों के लोगों को होगा।

जहां एक तरफ चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में शांति और आर्थिक संबंध बनाने की बात कही गई है, वहीं चीनी विदेश मंत्रालय अभी भी अकड़ दिखाने से बाज नहीं आ रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पर हुई झड़प की पूरी जिम्मेदारी भारत की है। चीन भारत-चीन संबंधों को काफी अहमियत देता है और दोनों मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर कर सकते हैं।