भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले पांच महीने से तनाव जारी है। दोनों ही देशों की सेनाएं सर्दियों के लिए भी एलएसी पर आमने-सामने जुटी हैं। बताया गया है कि टकराव को खत्म करने के मकसद से दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल सेक्टर में कोर कमांडर स्तर की बैठक शुरू हो चुकी है। भारत की ओर से बातचीत का नेतृत्व 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं।
इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और बेवजह भड़काऊ हरकतों की वजह से स्थिति के अनियंत्रित होने की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जनरल रावत ने यह बातें नेशनल डिफेंस कॉलेज के वेबिनार को संबोधित करते हुए कहीं।
जनरल रावत ने आगे कहा, “चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस वक्त लद्दाख में अपनी हरकतों पर भारतीय सेना के अप्रत्याशित कदमों का अंजाम भुगत रही है।” उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने एलएसी पर चीन को मुहंतोड़ जवाब दिया। रावत ने साफ किया कि इस पूरी घटना पर हमारी स्थिति स्पष्ट है। हम एलएसी पर किसी भी तरह के बदलाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बता दें कि भारत और चीन के बीच इससे पहले सात राउंड की जो बातचीत हो चुकी है। हालांकि, बातचीत के बावजूद चीन ने अब तक सेना को पीछे नहीं बुलाया है। इसके जवाब में भारत ने भी पैंगोंग सो और डेपसांग समेत कई इलाकों पर चीन का आमना-सामना करने के लिए सेनाएं तैनात कर दी हैं। इसी साल अगस्त में दशकों बाद दोनों सेनाओं के बीच एलएसी पर फायरिंग की घटना हुई थी। तब से लेकर अब तक टकराव की स्थिति बनी हुई है।