चेन्नई के इंजीनियर ने दावा किया है कि इसरो के चंद्रयान 2 मिशन का रोवर चंद्रमा की सतह पर मौजूद है और वह कुछ मीटर तक चला भी है। यदि यह खबर सही साबित होती है तो यह इसरो के चंद्रयान मिशन के लिए उम्मीद की किरण हो सकती है। बता दें कि बीते साल भारत ने चंद्रमा पर अपना दूसरा मिशन चंद्रयान 2 भेजा था। इस मिशन का हिस्सा एक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान था, जिसे चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहां खोज करनी थी। लेकिन दुर्भाग्य से लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था। उसके बाद से ही इसरो का लैंडर और रोवर से संपर्क टूटा हुआ है।
अब चेन्नई के इंजीनियर षणमुग सुब्रमण्यन ने ट्वीट कर दावा किया है कि ‘रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सही सलामत मौजूद है।’ एक अन्य ट्वीट में सुब्रमण्यन ने दावा किया कि “चंद्रमा पर मुझे जो कलपुर्जे दिखे थे वो विक्रम लैंडर के लैंगुमिर प्रोब के कलपुर्जे हैं। नासा को जो कलपुर्जे बिखरे मिले हैं, वो हो सकता है कि किसी अन्य पैलोड, एंटिना और रेट्रो ब्रेकिंग इंजन के हों। रोवर, लैंडर से निकल गया है और उसने असल में चंद्रमा की सतह पर कुछ मीटर की दूरी भी तय की है।”
सुब्रमण्यन ने बताया कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव इलाके पर रोशनी बेहद कम होती है। यही वजह है कि नासा के 11 नवंबर भी प्रयास में भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। बता दें कि सुब्रमण्यन ने भी नासा की तस्वीरों को देखकर ही रोवर प्रज्ञान के सही सलामत होने का दावा किया है। इससे पहले भी उन्होंने नासा की इमेज देखकर लैंडर विक्रम के बारे में जानकारी दी थी।
सुब्रमण्यन का दावा है कि ऐसा लगता है कि कई दिनों तक लैंडर विक्रम को इसरो द्वारा कमांड भेजी गई और ऐसा संभव है कि लैंडर को यह कमांड ना मिल रही हो। बता दें कि चंद्रयान 2 मिशन के तहत इसरो की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना थी लेकिन लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था और दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

