बात उस वक्‍त की है जब प्रतिभा पाटिल राष्‍ट्रपति थीं। राष्‍ट्रपति भवन में डाइनिंग टेबल पर मेहमानों के संग बैठीं प्रतिभा अक्‍सर अपने नौकरों को बोलकर कटोरा भर अच्‍छी तरह से धुले हुए कुंदरूं मंगवाती थीं। इसे वे मेहमानों को बड़े गर्व से दिखाते हुए बतातीं कि वे जो सूप पी रहे हैं, वो इसी सब्‍जी से बना है और यह सूप कहीं और उपलब्‍ध नहीं है। प्रतिभा पाटिल को मधुमेह था। कुंदरूं में विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिसका इस्‍तेमाल काफी वक्‍त तक उनके हाई ब्‍लड शुगर के इलाज के लिए होता रहा। प्रतिभा को एक डिश और भी पसंद थी। अंजीर के कोफ्ते। राष्‍ट्रपति भवन के किचन में ऐसे दिलचस्‍प पकवान शामिल करने का श्रेय मछिंद्र कस्‍तूरी को जाता है। कस्‍तूरी राष्‍ट्रपति भवन में इग्‍जेक्‍यूटिव शेफ रह चुके हैं। वे बताते हैं, ‘वह (प्रतिभा पाटिल) पूरी तरह से शाकाहारी थीं, लेकिन उनके लिए खाना तैयार करने में आनंद आया। मैं पकवानों को अपने हिसाब से पेश कर पाया, जिसकी उन्‍होंने भी तारीफ की। हमने बिना किसी फ्लेवर के मूंग दाल पिज्‍जा बनाया। इसके अलावा, पाइनएप्‍पल हलवा और सीताफल हलवा भी तैयार किया।’

कस्‍तूरी के मुताबिक, वर्तमान राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मांसाहारी खाना बेहद पसंद है और उनके लिए खानसामों की एक अलग से टीम है। हालांकि, वे अब भी निजी और राजकीय डिनर के लिए कस्‍तूरी की सेवाएं लेना पसंद करते हैं। 53 साल के कस्‍तूरी 2013 में वाइट हाउस और यूएन हेडक्‍वार्टर के दौरे के वक्‍त राष्‍ट्रपति भवन का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं। वे बकिंघम पैलेस जाकर क्‍वीन एलिजाबेथ द्वितीय के लिए भी खाना पका चुके हैं। उन्‍हें बीते हफ्ते ही नेशनल टूरिजम अवॉर्ड्स की ओर से इंडिया के बेस्‍ट शेफ का खिताब दिया गया है। नेशनल टूरिजम अवॉर्ड्स भारतीय आवभगत के पेशे में बेहतर काम को लेकर होने वाला कार्यक्रम है।

कस्‍तूरी फिलहाल दिल्‍ली के द अशोक में काम कर रहे हैं। यहीं से उन्‍होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। वे राष्‍ट्रपति भवन में बिताए गए पलों को याद करके खुश हो उठते हैं। उन्‍होंने बताया, ”राजकीय भोज और अन्‍य जलसों की वजह से साल भर बेहद व्‍यस्‍तता रहती थी लेकिन असली चुनौती 15 अगस्‍त या 26 जनवरी के दिन सामने आती थी। इस दिन राष्‍ट्रपति की ओर से ‘ऐट होम’ सेरेमनी का आयोजन होता था। इसमें दुनिया भर के 3 हजार से ज्‍यादा बेहद अहम लोग शामिल होते थे। हालांकि, सारे इंतजाम 10 से 12 रसोईयों का स्‍थायी स्‍टाफ ही करता था। उनकी कोई टेक्‍न‍िकल ट्रेनिंग नहीं हुई है लेकिन ये रसोई बेहद अच्‍छे हैं। उनमें से कई राष्‍ट्रपति भवन में काम कर चुके रसोईयों की अगली पीढ़ी से हैं।’

होटल में सेवाएं देने के दौरान कई सरकारी आयोजनों में कैटरिंग का काम बेहतरीन ढंग से निभाने के बाद कस्‍तूरी को राष्‍ट्रपति भवन में मौका मिला था। उस वक्‍त राष्‍ट्रपति प्रतिभा पाटिल थीं। कस्‍तूरी ने दूसरे देशों के राष्‍ट्रपतियों और अन्‍य गणमान्‍य लोगों के लिए राजकीय भोज, टी पार्टी और स्‍पेशल लंच प्रोग्राम्‍स के लिए न केवल मेन्‍यू तय किया बल्‍क‍ि उन्‍हें तैयार भी करवाया। उन्‍हें दुनिया भर के पकवान बनाने का हुनर हासिल है, लेकिन वे अपनी सिग्‍नेचर डिशेज के तौर पर मटन रान, कोठमबीर प्रॉन रोल्‍स और उड़द से बनी रायसीना दाल परोसना पसंद करते हैं। वे दो बार अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के लिए खाना बना चुके हैं। कस्‍तूरी ने मांसप्रिय ओबामा की पसंद का ख्‍याल रखते हुए एक स्‍पेशल मटन डिश रान-ए-अली-शान तैयार किया था। एक बार प्रेसिडेंट प्रणव मुखर्जी ने स्‍वीडन के दौरे से लौटने के बाद कैवियार (मछली के अंडों से तैयार होने वाला पकवान) बनाने के लिए कहा। उसे खाने के बाद राष्‍ट्रपति हफ्ते भर तक लंच में कैवियार लेते रहे। कस्‍तूरी ने बताया, ‘उन्‍हें यह डिश बेहद पसंद आई थी।’