पंजाब के मोगा में चलती बस में किशोरी से छेड़छाड़ कर उसे चलती बस से धक्का देकर उसकी जान लेने के मामले की पृष्ठभूमि में राज्य की कानून व्यवस्था का मुद्दा आज लोकसभा में उठा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिन्दर सिंह ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि मोगा में चलती बस में छेड़छाड़ की शिकार किशोरी को बस से धक्का दिए जाने और बाद में उसकी मौत होने की जो घटना हुई है वह प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति की परिणति है।
संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस सदस्य की बात का विरोध करते हुए कहा कि संसदीय नियमों के अनुसार एक ही सत्र में एक मुद्दे को दो बार नहीं उठाया जा सकता और सदन में यह मुद्दा पहले ही उठ चुका है।
अमरिन्दर सिंह ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि राज्य में आज कानून व्यवस्था की हालत यह है कि पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बस चालकों द्वारा की गयी सड़क दुर्घटनाओं में दस लोग मारे गए हैं लेकिन बस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि बसें लोगों को रौंद रही हैं लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
अमरिन्दर ने कहा कि इन सड़क हादसों में एक डीआईजी और एक एएसआई भी घायल हुए हैं। शिरोमणि अकाली दल के सदस्य अमरिन्दर सिंह के आरोपों का विरोध करते देखे गए। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान भी इस मुद्दे पर कुछ कहते देखे गए लेकिन तेलंगाना में पृथक उच्च न्यायालय की मांग को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों द्वारा की जा रही नारेबाजी के बीच कुछ सुना नहीं जा सका।
