चंद्रयान 3 की अपार सफलता के बाद भारत के कदम अब चंद्रयान 4 की ओर बढ़ चले हैं। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में चंद्रयान 4 मिशन को हरी झंडी दिखा दी गई है। इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की है। इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग में मिशन वीनस को लेकर भी बड़ा ऐलान हुआ है।
चंद्रयान 4 पर खर्च होंगे कितने रुपये?
अब चंद्रयान 4 की बात करें तो केंद्र की तरफ से 2104.06 करोड़ रुपये इसके लिए आवंटित कर दिए गए हैं। भारत का मिशन है कि 2040 तक एस्ट्रोनॉट्स को भी चांद पर लैंड करवाया जा सके। इसरो यह भी जानता है कि 2040 तक ऐसी स्थिति बन जाए धरती से चांद और चांद से धरती पर आसानी से वापस आया जा सके। बताया जा रहा है कि 2027 में इसरो चंद्रयान 4 को लॉन्च करेगा, भविष्य के जितने भी मून मिशन होंगे, उनकी रूपरेखा इस चंद्रयान 4 के जरिए तैयार की जाएगी।
Chandrayaan 4 की तैयारी कर रहा ISRO, इस मिशन में क्या होगा खास और कब होगा लॉन्च
चंद्रयान 4 मिशन की बड़ी बातें
चंद्रयान 4 का फोकस एकदम सटीक लैंडिंग, सैंपल कलेक्शन और सुरक्षित धरती पर वापस आने को लेकर रहने वाला है। इसरो के वैज्ञानिक मानते हैं कि भारत अपनी स्पेस क्षमता को इस एक मिशन के जरिए कई गुना ज्यादा बढ़ा लेगा। चंद्रयान 4 को लेकर यह जानकारी भी सामने आ रही है कि यह अपने साथ कुल 5 मॉड्यूल को लेकर जाएगा। यह सारे मॉड्यूल एक साथ काम करेंगे और चांद से जरूरी सैंपल इकट्ठा करेंगे। समझने वाली बात यह है कि इतने मुश्किल मिशन को इससे पहले सिर्फ चीन और अमेरिका ही अंजाम दे पाए हैं।
जापान करने वाला भारत की मदद
इसरो के चेयरमेन एस सोमनाथ ने तो जोर देकर कहा है कि चंद्रयान 4 सिर्फ एक ऐसा मिशन नहीं है जो चांद से पत्थर लेकर आएगा। यह एक ऐसी क्षमता बनाने का काम करेगा कि भविष्य में इंसान चांद पर जा भी पाएंगे और वहां से सुरक्षित वापस भी आएंगे। वैसे चंद्रयान 4 को लेकर यह जानकारी भी सामने आई है कि भारत औऱ जापान मिलकर इस मिशन पर काम कर रहे हैं। इसमें JAXA ने लूनर रोवर की जिम्मेदारी ली है वहीं ISRO इसका लैंडर तैयार कर रहा है। लैंडर ही रोवर को लेकर जाएगा। ऐसे में दोनों देश चंद्रयान 4 की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।