Chandrayaan-3 Update: चंद्रयान-3 अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चन्द्रमा की दक्षिणी सतह पर उतरेगा। लैंडर के सफलता पूर्वक लैंडिंग करने के बाद विक्रम लैंडर के अंदर से प्रज्ञान रोवर निकलेगा। चंद्रयान-3 मिशन में सबसे अहम भूमिका प्रज्ञान रोवर की ही है। प्रज्ञान रोवर अभी विक्रम लैंडर के पेट में छुपा हुआ है। चलिए जानते है कि प्रज्ञान रोवर इतना अहम क्यों है?
26 किलो का है प्रज्ञान रोवर
प्रज्ञान रोवर का वजन महज 26 किलो है। इसमें 6 पहिये लगे हुए हैं। विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के बाद ही प्रज्ञान रोवर चन्द्रमा की सतह पर उतरेगा। प्रज्ञान रोवर का मुख्य काम चन्द्रमा पर की गई खोज को धरती तक भेजना है। प्रज्ञान रेक्टेंगुलर आकार का है।
प्रज्ञान कैसे करेगा काम?
रोवर प्रज्ञान पर सोलर पैनल लगे हुए हैं। इसके साथ ही यह दो नेविगेशन कैमरे समेत कई तरह के साइंटिफिक पेलोड से लैस है। प्रज्ञान रोवर ही चन्द्रमा की सतह पर पानी की खोज करेगा। इसके साथ ही वह चांद पर पाए जाने वाले रसायनों का पता लगाएगा। प्रज्ञान रोवर केमिकल एनालिसिस करने में भी सक्षम है। इसके साथ ही प्रज्ञान में अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) लगा हुआ है। इसके अलावा इसमें लेजर इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोमीटर (LIBS) भी लगा हुआ है।
14 दिन काम करेगा प्रज्ञान रोवर
प्रज्ञान रोवर का जीवन चांद के एक दिन के बराबर है। यह चन्द्रमा पर एक दिन तक खोज करेगा और जानकारी जुटाएगा। बता दें कि चन्द्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। प्रज्ञान रोवर का इलेक्ट्रिक सिस्टम सोलर एनर्जी से संचालित होता है। प्रज्ञान चंद्रमा पर मैग्नीशियम, एल्यूमिनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैलशियम, टाइटेनियम और आयरन से जुड़ी जानकारी जुटाने में सक्षम है।
प्रज्ञान चांद पर छोड़ेगा भारत का निशान
रोवर में लगा सोलर प्लेट प्रज्ञान को चांद की सतह पर घूमने के लिए शक्ति प्रदान करता है। प्रज्ञान चन्द्रमा पर भारत के निशान छोड़ेगा। रोवर में कुल 6 पहिए हैं जिसके आखिरी 2 पहियों में इसरो और देश का राष्ट्रीय चिन्ह अंकित किया गया है। रोवर चलते वक्त चांद की सतह पर देश का निशान छोड़ेगा।
प्रज्ञान से जुडी अहम बातें
प्रज्ञान रोवर का डायमेंशन 0.9 x 0.75 x 0.85 मीटर है। वहीं सोलर पावर की मदद से इसको चार्ज किया जाएगा। इसमें 50 वाट की पावर है। प्रज्ञान रोवर चन्द्रमा की सतह पर 1 सेमी प्रति सेकंड की रफ्तार से यात्रा कर सकता है। वहीं प्रज्ञान रोवर 14 (पृथ्वी के अनुसार) दिन तक खोज करेगा।