भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो चुकी है। चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हो गया है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। अगर इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। ISRO ने अगस्त के अंत में ‘चंद्रयान-3’ की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना बनाई गई है। उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के Interplanetary अभियानों के लिए सहायक होगा। चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई टेक्नोलॉजी को विकसित करना और प्रदर्शित करना है।
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ISRO के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने ‘चंद्रयान-3’ अभियान के सफल प्रक्षेपण के ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने और उन्होंने वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि यह मिशन सफल होगा। उन्होंने PTI से कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि यात्रा का पहला भाग बहुत अच्छी तरह से शुरू हुआ है। इसरो की पूरी टीम को मेरी शुभकामनाएं।’’
ISRO के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने शुक्रवार को कहा कि चार साल पहले चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के विफल प्रयास के बाद अंतरिक्ष संगठन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं और वह चंद्रयान-3 मिशन के चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने, हालांकि इसे एक चुनौतीपूर्ण कार्य बताया है। सिवन ने चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के बाद PTI से कहा, ''यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्षेपण है और हम इसमें सफल रहे हैं।''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की शुक्रवार को सराहना की और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास ने भारत को एक उल्लेखनीय अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा लिखने के रास्ते पर प्रेरित किया है, जिसका जश्न आने वाली पीढियां मनाएंगी।
ISRO प्रमुख सोमनाथ ने 600 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत वाले इस मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद कहा कि चंद्रयान-3 को एक अगस्त से चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर किये जाने की योजना है। इसरो के अधिकारियों के अनुसार, उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया । चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण कक्ष (एमसीसी) से कहा कि रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सराकर के 9 साल के कार्यकाल में अब हम केवल रॉकेट लॉन्च करने तक ही सीमित नहीं हैं...दुनिया अब नेतृत्व करने के लिए हमारी ओर देख रही है, पहले दुनिया हमें इस तरह नहीं देखती थी।
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि अगर सबकुछ सामान्य रहा तो चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम करीब 5.47 बजे चंद्रमा पर लैंड करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लॉन्च पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर रहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाने लिए ऊंची उड़ान है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर वैज्ञानिकों को बधाई। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूँ!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर ट्वीट आया है। चंद्रयान-3 के लॉन्च होने के बाद उन्होंने जय हिंद लिखकर ट्वीट किया।
https://twitter.com/myogiadityanath/status/1679784171332591616
चंद्रयान-3 लॉन्च के बाद सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो चुका है। चंद्रयान-3 के मिशन डायरेक्टर एस मोहन कुमारने जानकारी दी कि चंद्रयान-3 अभी तक के सभी चरणों को पूरा कर चुका है।
चंद्रयान 3 ने लॉन्च के बाद तीसरा और अंतिम चरण पूरा कर लिया है। अब क्रॉयोजनिक इंजन स्टार्ट हो चुका है। यह चंद्रयान को लेकर आगे की ओर बढ़ रहा है।
चंद्रयान-3 के करीब 20 दिन बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद 23-24 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा।
चंद्रयान-3 करीब 50 दिन बाद 23-24 अगस्त को चांद पर लैंड कर सकता है। अगर इसमें इसे सफलता नहीं मिली तो सितंबर में एक बार फिर कोशिश की जाएगी।
चंद्रयान-3 ने लॉन्च के बाद पहला चरण पार कर लिया है। राकेट से बूस्टर सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया। कुछ ही देर में यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर चला जाएगा।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को मौके पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर पहुंचे हैं। इनके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार आदि मौजूद हैं।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो चीफ जी माधवन नायर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इंसानी तौर पर इस मिशन के लिए जो भी संभव था वह किया जा चुका है। ऐसा कोई कारण नहीं नजर आता कि मिशन चंद्रयान-3 फेल हो।
थोड़ी देर में चंद्रयान-3 लॉन्च होने वाला है। इस पल का गवाह बनने के लिए 200 से अधिक स्कूली छात्र आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे हैं। छात्र इस मौके को लेकर खासा उत्साहित हैं। कुछ छात्रों ने कहा कि वह बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा। इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं। उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे।
https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1679749690810863617
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रयान-3 के लॉन्च को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए इसरो की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की सीमाओं को आगे बढ़ाने वाला एक उल्लेखनीय मिशन है। यह मिशन हम सभी को बड़े सपने देखने और सितारों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।
https://twitter.com/nitin_gadkari/status/1679738798027194369
यह पूरा मिशन 45 से 50 दिन का होगा। इसरो प्रमुख ने बताया है कि अगर मिशन प्लान के तहत चला तो 23-24 अगस्त को लैंडर और रोवर को चांद की सतह पर उतारने की कोशिश की जाएगी। अगर किसी कारण लैंडिंग में दिक्कत हुई तो सितम्बर महीने में फिर से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। पढ़ें पूरी खबर
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लॉन्च के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और इनोवेशन में हमने जो प्रगति की है, उसके बारे में और अधिक जानने का आग्रह करता हूं। इससे आप सभी को बहुत गर्व महसूस होगा।
इसरो की आधिकारिक वेबसाइट isro.gov.in पर आप लॉन्च व्यू गैलरी की सीट बुक कर सकते है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 के लॉन्च को देखने के लिए इसरो की वेबसाइट पर जाकर अपनी सीट बुक कर सकते है। इसके अलावा आप इसरो की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर भी लॉन्च का सीधा प्रसारण देख सकते है। पढ़ें पूरी खबर
चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। रॉकेट में एल-1 स्टेज के लिए फ्यूल भरने का काम पूरा हो चुका है। अब सी-25 स्टेज के लिए फ्यूल भरने का काम किया जा रहा है। बता दें कि दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बधाई दी है। डीएमआरसी ने ट्वीट किया कि अगला स्टेशन चांद होगा।
https://twitter.com/OfficialDMRC/status/1679697838903816192?s=20
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के पूर्व निदेशक एस पांडियन ने चंद्रयान-3 लॉन्च पर कहा कि हमने पर्याप्त सावधानी बरती है। एक सेंसर के बजाय, हमने दो सेंसर लगाए हैं। हमने चंद्रयान -3 लैंडर को चंद्रयान -2 की तुलना में अधिक मजबूत बनाया है।
चंद्रयान-3 की सफलता काफी हद तक इसे लेकर जाने वाले बाहुबली रॉकेट लॉन्चर एलवीएम-3 पर टिकी है। लॉन्च व्हीकल मार्क-III को बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है। पिछले साल अक्टूबर में एलवीएम-3 ने 36 सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरी थी। इसके बाद से ही इस रॉकेट लॉन्चर को बाहुबली रॉकेट लॉन्चर कहा जाने लगा। इसरो को इसे बनाने में 15 साल का समय लगा था। यह इसरो द्वारा बनाया गया सबसे ताकतवर रॉकेट है। इस रॉकेट का इस्तेमाल हैवी लिफ्ट लॉन्च में किया जाता है। इस रॉकेट ने अभी तक के सभी मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। चंद्रयान-2 को भी इसी रॉकेट से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 इसका चौथा मिशन है। इसे बनाने में कुल 3,000 करोड़ रुपये का खर्च आया था। पढ़ें पूरी खबर
2019 की नाकामी के बाद इसरो (ISRO) चंद्रयान- 3 के जरिये चंद्रमा के सतह की जानकारी जुटाने को तैयार है। इस बार मिशन में किसी तरह की तकनीकी दिक्कत ना आए इसके लिए लैंडर की कई बार टेस्टिंग की गई है। इसे क्रेन से लेकर हेलीकॉप्टर से गिराकर भी टेस्ट किया गया। इसरो का कहना है कि लैंडर में इस बार काफी बदलाव भी किए गए हैं। देखें वीडियो
चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने तैयारी पूरी कर ली। दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले गुरुवार को मिशन से जुडे़ वैज्ञानिकों ने तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर में पूजा अर्चना की। इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर, सहित इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रयान-3 मिशन से पहले आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर का दौरा किया और प्रार्थना की। समाचार एजेंसी ANI ने इसका वीडियो भी शेयर किया है। पढ़ें पूरी खबर
चंद्रयान 3 मिशन के तहत भारत इस बार चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब लैंडिंग की कोशिश करने वाला है। ये चांद का वो इलाका है जहां पर सूर्य की किरणे नहीं पड़ती हैं और तापमान -230 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू, पढ़ें पूरी खबर
चांद फतह करने को तैयार भारत, देखें वीडियो- https://www.youtube.com/watch?v=QQuHXiB5bFg