Chandrayaan 3 Update: भारत का लूनर मिशन चंद्रयान-3 चांद की सतह से मात्र 25 किमी दूर है। 23 अगस्त यानि कल शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूरा देश कामना कर रहा है। देश के कई शहरों में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए पूजा-अर्चना के साथ-साथ हवन भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 के लैंडिंग के बाद देश को संबोधित करेंगे।

लैंडिंग के बाद ऐसे भेजेगा डाटा

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिक प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजे गए डाटा का विश्लेषण करेंगे। बता दें कि फिलहाल प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर के अंदर बंद है। विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के 4 घंटे बाद प्रज्ञान रोवर बाहर निकलेगा। प्रज्ञान रोवर में लगे आधुनिक सेंसर इसरो के पास चन्द्रमा से जुड़ी जानकारी भेजेंगे। प्रज्ञान रोवर एक चंद्र दिवस यानि (पृथ्वी के 14 दिन) तक काम करने में सक्षम है।

लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर का एक साइड पैनल खुल जाएगा और इसके अंदर से प्रज्ञान रोवर एक रैंप की मदद से बाहर निकलकर आएगा। प्रज्ञान रोवर में 6 पहिया लगे हुए हैं। इसके आखिरी के दो पहियों में इसरो और देश का राष्ट्रीय चिन्ह अंकित है। प्रज्ञान रोवर जब चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तो भारत और इसरो का निशान छोड़ेगा। प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर 1 सेमी प्रति सेकंड की गति से भ्रमण करेगा। प्रज्ञान रोवर में लगा सेंसर चन्द्रमा के वायुमंडल का डाटा एकत्र कर इसरो को भेजेगा।

कैसे एकत्रित होगा डाटा

विक्रम लैंडर में लगे तीन पेलोड चन्द्रमा की सतह के प्लाज्मा के घनत्व को मापेंगे। इसके साथ ही यह चन्द्रमा की सतह के तापीय गुणों की माप करेगा, लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंप से संबंधित जानकारी इकट्ठा करेगा। इसके अलावा चन्द्रमा की परत की संरचना की मैपिंग भी करेगा। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को काम करने के लिए ऊर्जा सोलर एनर्जी से मिलेगी। प्रज्ञान रोवर लैंडर के साथ सिर्फ संचार कर सकता है। वहीं विक्रम लैंडर इस डाटा को सीधे पृथ्वी पर भेजेगा।

4 फेज में होगी लैंडिंग

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक लैंडिंग का प्रोसेस 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चार चरणों में शुरू किया जाएगा। इसमें रफ ब्रेकिंग फेज, एल्टीट्यूड होल्ड फेज, फाइन ब्रेकिंग फेज और टर्मिनल डिसेंट फेज शामिल है। लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट को सफल बनाने के लिए देश के लोग पूजा-अर्चना कर रहे है। लैंडिंग का आखिरी 15 मिनट इसरो के वैज्ञानिको के अलावा देशवासियों के लिए भी रोमांच से भर देने वाला है।