Chandrayaan 3 Update: भारत का मून मिशन यानी कि चंद्रयान 3 आज दो हिस्सों में बंटने जा रहा है। करीब एक बजे चंद्रयान-3 का इंटीग्रेटेड मॉड्यूल (Integrated Module) दो हिस्सों में बंट जाएगा। एक हिस्सा प्रोपल्शन मॉड्यूल रहेगा तो वहीं दूसरा हिस्सा लैंडर मॉड्यूल होगा। इस मिशन के लिहाज से ये स्टेज सबसे अहम है क्योंकि आज प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल 100 km x 100 km ऑर्बिट में अलग होकर घूमने जा रहे हैं।

चंद्रयान का अहम दिन

इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान आज अपना अंतिम चरण पूरा करने जा रहा है। दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर भारत का मून मिशन दो हिस्सों में बंट जाएगा। इसके बाद 18 और 20 अगस्त को लैंडर की डीआर्बिटिंग की जाएगी, वो प्रक्रिया भी काफी अहम मानी जा रही है। यहां ये समझना जरूरी है कि चंद्रयान 3 अभी तक चांद की 100 किलोमीटर वाली कक्षा में प्रवेश नहीं किया है। ऐसे में जब तक वो वहां नहीं पहुंच जाता, चंद्रयान का ये मिशन बड़ी चुनौती रहने वाला है।

आगे क्या होने वाला है?

वैसे कल यानी कि 18 अगस्त को दोपहर चार बजे सिर्फ एक मिनट के लिए लैंडर के थ्रस्टर्स को भी ऑन किया जाना है। इसका कारण ये है कि लैंडर सही दिशा में आगे बढ़ता रहे और सबसे जरूरी कि गति को कुछ कम किया जा सके। अभी तक चंद्रयान के कुल पांच चरण पूरे हो चुके हैं, इसका आखिरी और आठवां चरण 23 अगस्त को होने जा रहा है जब लैंडर की चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करवाई जाएगी। वो चरण ही इतिहास रचने वाला माना जा रहा है क्योंकि अभी तक किसी भी देश का मून मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं गया है। यहां ये समझना जरूरी है कि रोवर तुरंत लैंडर से अलग नहीं होने वाला है।

पिछली गलतियों से सीखा

जानकार बताते हैं कि लैंडिंग के वक्त काफी धूल उड़ेगी, ऐसे में जब तक सब कुछ साफ नहीं हो जाए, वो बाहर नहीं निकलेगा। वैसे इस बार पुरानी गलतियों से काफी कुछ सीख लिया गया है। इस बार लैंडिंग साइट के लिए  500×500 मीटर के छोटे से जगह के बदले 4.3 किमी x 2.5 किमी के बड़े जगह को टारगेट किया गया है। इसका यह मतलब हुआ कि इस बार लैंडर को ज्यादा जगह मिलेगी और वो आसानी से सॉफ्ट लैंडिंग कर पाएगा।