भारत का चंद्रयान 3 मिशन पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है। इतिहास रचते हुए सबसे पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तो लैंडिंग की ही गई, इसके अलावा प्रज्ञान रोवर ने कई अहम जानकारी जुटाने का भी काम किया। लेकिन अब प्रज्ञान सो गया है, उसने अपना मिशन पूरा कर लिया है। उसे जो जानकारी देनी थी, वो धरती तक पहुंच चुकी है। ये बात इसरो ने खुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर की है।

प्रज्ञान रोवर का अब क्या होगा?

इसरो ने बताया है कि प्रज्ञान रोवर को एक सुरक्षित जगह पर पार्क कर दिया गया है, वो अब स्लीपिंग मोड में चला गया है। इसके अलावा एपीएक्सएस फ्लोड्स को भी बंद कर दिया गया है। अब ये सब इसलिए किया गया है क्योंकि फ्लोड्स में भी जितनी भी जानकारी मौजूद थी, वो धरती तक पहुंच चुकी है। यहां ये समझना जरूरी है कि प्रज्ञान को स्लीपिंग मोड में डाला गया है, लेकिन उसकी बैटरी पूरी तरह चार्ज है।

अब ये जानकारी इसलिए मायने रखती है क्योंकि प्रज्ञान अभी भी चांद की सतह पर अपना काम जारी रखने वाला है। उसे एक दूसरे असाइनमेंट में लगाया जाएगा। इसरो के मुताबिक इस महीने 22 सितंबर को एक बार फिर सूर्य की किरणें दक्षिणी ध्रुव पर पड़ने वाली हैं, उस स्थिति में प्रज्ञान के सोलर पैनल फिर एनर्जी लेंगे और अपने अगले मिशन पर निकल जाएंगे। वैसे अगर प्रज्ञान रोवर अपनी नींद से नहीं जाग पाता है, उस स्थिति में भी उसका सम्मान कम नहीं होने वाला है। इसरो ने जोर देकर कहा है कि वो हमेशा ही चांद का चंद्रदूत की तरह याद रखा जाएगा।

एक मिशन, दुनिया के लिए बना मिसाल

जानकारी के लिए बता दें कि भारत पहला देश है जिसका मून मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया है। रूस के लूना 25 ने भी कोशिश जरूर की, लेकिन वो फेल हुआ और चांद की सतह पर क्रैश कर गया। लेकिन धीमि गति से आगे बढ़ा भारत का चंद्रयान 3 हर पड़ाव को पास करता चला गया और फिर दक्षिणी ध्रुव पर उसने लैंडिंग भी कर ली। बड़ी बात ये है कि जिस जगह पर भारत का चंद्रयान 3 लैंड हुआ है, उस जगह को शिवशक्ति नाम दिया गया है।