Chandrayaan-3: भारत का चंद्रयान-3 अब से कुछ ही देर बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला वाला है। उम्‍मीद की जा रही है कि लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल आज शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच देगा।

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं। हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई हो। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगेंगे। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।

इस दौरान एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें बताया गया है कि चंद्रयान-3 का बजट हॉलीवुड के क्रिस्टोफर नोलन की विज्ञान-फंतासी आधारित फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ से भी कम है। न्यूजथिंक नाम के एक अकाउंट ने लिखा कि चंद्रयान-3 की लागत 75 मिलियन डॉलर (लगभग 620 करोड़ रुपये) होने का अनुमान है, जो क्रिस्टोफर नोलन की 2014 की फिल्म इंटरस्टेलर के बजट से काफी कम है, जिसकी लागत 165 मिलियन डॉलर थी। ट्वीट के वायरल होने के बाद टेस्ला और X के प्रमुख एलन मस्क ने इस पर प्रतिक्रिया दी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, ‘मिशन भारत के लिए अच्छा है।’

मैथ्यू मैककोनाघी, ऐनी हैथवे, जेसिका चैस्टेन, बिल इरविन, एलेन बर्स्टिन, मैट डेमन और माइकल केन की यह फिल्म एक ऐसे डायस्टोपियन भविष्य पर आधारित थी जहां मानवता विलुप्त होने का सामना कर रही है और अंतरिक्ष यात्रियों का एक समूह जीवन का समर्थन करने में सक्षम एक एक्सोप्लैनेट को खोजने के लिए यात्रा करता है।

न्यूजथिंक ने लिखा, “जब आपको पता चलता है कि चंद्रयान-3 के लिए भारत का बजट 75 मिलियन डॉलर और फिल्म इंटरस्टेलर 165 मिलियन डॉलर थी तो आप हैरान रह जाएंगे। इस पर मस्क ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “भारत के लिए अच्छा है।”

एक यूजर ने लिखा, ‘यह पागलपन है। मुझे मनोरंजन पसंद है और इंटरस्टेलर मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक है, लेकिन मानवता को अपना मनोरंजन करने के लिए कम पैसे खर्च करने चाहिए और हमारे ब्रह्मांड की प्रकृति की खोज और उसे समझने की कोशिश में अधिक पैसे खर्च करने चाहिए।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘यह तीसरे मिशन की लागत है। वे पिछले 2 मिशनों से सीखे गए सबक और प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएंगे, इसलिए उन लागतों पर भी विचार किया जाना चाहिए।’

साल 2013 में भारत मार्स मिशन के गगनयान का बजट भी हॉलीवुड फिल्म ‘ग्रेविटी’ से काफी कम था। फिल्म ग्रेविटी का बजट 644 करोड़ रुपये था, जबकि गगनयान का बजट मात्र 470 करोड़ रुपये था। बता दें, यदि मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो जाएगा जो चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने में कामयाब रहे हैं। अब तक संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ने ऐसा किया है।