बिहार का किडनैपिंग किंग चंदन सोनार मध्‍य प्रदेश के सिंगरौली से गिरफ्तार हुआ तो लोकल पुलिस भी भौचक्की रह गई। पिछले 10 सालों से वह सिंगरौली में पहचान बदलकर होटल कारोबारी चंद्रमोहन के तौर पर रह रहा था। लोकल पुलिस को अंदाजा भी नहीं था कि उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा अपराधी रह रहा था। पुलिस उसकी असली पहचान से नावाकिफ थी। होटल व्‍यवसायी के पीछे छिपे उसके खतरनाक रूप की पुलिस को भनक तक नहीं थी। सिंगरौली में चंदन ने कोई क्राइम नहीं किया। यही वजह रही कि पुलिस के रिकॉर्ड में उसका कभी नाम नहीं आया।

चंदन के बारे में तब पता लगा जब वह बंगाल पुलिस के निशाने पर आया। बंगाल पुलिस चंदन सोनार को बर्धमान के एक व्‍यापारी के अपहरण के मामले में तलाश रही थी। उसको यह खबर मिली कि चंदन सिंगरौली में छिपा है। इसके बाद बंगाल की पुलिस ने सिंगरौली पुलिस की मदद से उसे उसके घर से ही धर दबोचा। किडनैपिंग किंग के तौर पर कुख्‍यात चंदन सोनार के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में अपहरण के 40 मामले दर्ज हैं। वह मूल रूप से बिहार के हाजीपुर जिले का रहने वाला है। चंदर का आतंक बिहार, झारखंड, छत्‍तीसगढ़, गुजरात और पश्चिम बंगाल तक फैला था।

चंदन सोनार का आतंक इस कदर था कि उसका नाम सुनते ही बिहारृ, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात और बंगाल के कई उद्योगपति और व्‍यापारी कांप जाते थे। कई व्यापारियों का अपहरण कर वह करोड़ों की फिरौती वसूल चुका है। लेकिन उसका नाम सुर्खियों में तब आया जब उसने 2013 में गुजरात के हीरा व्यवसायी सोहैल हिंगोरा का अपहरण किया। उसने सोहैल को एक माह तक छपरा में रखा और फिर बाद में उसके पिता हनीफ से 9.5 करोड़ रुपए की फिरौती मिलने के बाद छोड़ा। इस मामले के बाद बिहार पुलिस ने उस पर 1 लाख, गुजरात ने 10 लाख का इनाम घोषित किया था। बंगाल पुलिस ने भी एक अपहरण के मामले के बाद उस पर 10 लाख का इनाम रखा था।

बंगाल पुलिस उसके पीछे तब पड़ी जब चंदन ने वर्धमान के अरबपति कारोबारी तेजपाल और उनके ड्राइवर को दो साल पहले 2019 में किडनैप किया। उसने 33 दिन बाद कारोबारी के छोड़ा था। इसकी एवज में उसने 2.60 करोड़ की फिरौती वसूली थी। इस मामले में बंगाल पुलिस को उसकी तलाश थी। लंबी छानबीन के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस को चंदन सोनार के मध्‍य प्रदेश के सिंगरौली में होटल कारोबारी के रूप में रहने की जानकारी मिली। इसके बाद मध्‍य प्रदेश पुलिस से सम्‍पर्क साधा गया। सिंगरौली पुलिस को चंद्रमोहन के होटल व्‍यवसाय के बारे में तो पता था लेकिन उसके चंदन सोनार होने और किडनैपिंग कारोबार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस को पूरे मामले की जानकारी हुई तो उसने बंगाल पुलिस की मदद से उसे धर दबोचा।

पुलिस का कहना है कि चंदन 2011 में जमानत पर छूटा था। तब से वह सिंगरौली में आकर चंद्रमोहन के नाम से रहने लगा। होटल कारोबार के अलावा वह ठेकेदारी भी करता है। चंदन रांची और बेऊर जेल में रह चुका है। 2020 में रायपुर से व्यापारी प्रवीण सोमानी का अपहरण हुआ था। तब भी चंदन सोनार गैंग का नाम ही सुर्खियों में आया था। झारखंड के गोमिया से व्यवसायी महावीर जैन का अपहरण भी इसी गिरोह ने किया था। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि बंगाल पुलिस चंदन को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर चली गई है। पटना के शास्त्रीनगर थाने के साथ एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज है। एसएसपी का कहना है कि उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट लेने की कोशिश चल रही है। उसे पटना लाकर पूछताछ की जाएगी।