कांग्रेस ने आज मांग की कि धार्मिक ग्रंथ को कथित तौर पर फाड़े जाने की घटनाओं के बाद फैले तनाव के मद्देनजर पंजाब में ‘‘संवैधानिक तंत्र के पूरी तरह नाकाम हो जाने’ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रकाश सिंह बादल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए ।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अनुरोध करते हैं कि वह पंजाब में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू कर दें ताकि राज्य के लोगों को इंसाफ मिल सके।’

कांग्रेस के पांच अन्य विधायकों और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के साथ पत्रकारों को संबोधित कर रहे बाजवा ने आरोप लगाया, ‘बादल और सुखबीर दोनों पंजाब में शांति बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं।’

धार्मिक ग्रंथ कथित तौर पर अपवित्र किए जाने की लगातार हो रही घटनाओं की जांच सेवारत न्यायाधीश से कराने की मांग करते हुए बाजवा ने कहा, ‘यदि बादल और उनके नायब सुखबीर बादल को राज्य की चिंता है तो दोनों को तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’

पंजाब सरकार की ओर से धार्मिक ग्रंथ कथित तौर पर अपवित्र किए जाने की घटनाओं की जांच कराने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने को खारिज करते हुए बाजवा ने कहा कि राज्य के लोगों ने बादल, सुखबीर और राज्य पुलिस में भरोसा खो दिया है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि शीर्ष अकाली नेतृत्व इन घटनाओं के बाद ‘छुप गया है’, क्योंकि वे राज्य के लोगों का सामना नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यहां तक कि एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ लुधियाना स्थित अपने आवास में जाकर छुप गए हैं ।’