Online Gaming Money Transaction: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने एक कानून का मसौदा तैयार किया है, जो सभी ऑनलाइन गेमिंग सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सकता है। सरकार का ये कदम उन ऑनलाइन गेम्स को बैन करने के लिए उठाया गया है, जहां कुछ पैसा जाम करने के एवज में यूजर्स को अधिक पैसा कमाने का लालच दिया जाता है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इन सर्विसेज के जरिए कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की घटनाएं बढ़ रही है। इसके अलावा समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिसको लेकर चिंता के चलते सरकार नया कानून लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्रस्तावित कानून का शीर्षक ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ माना जा रहा है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा का भी किया गया जिक्र

अनुमान है कि इसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिल गई है। हालाँकि, यह ध्यान देने योग्य है कि इस कानून पर विचार-विमर्श अभी मसौदा चरण में है और इसके प्रस्तावों में बदलाव संभव है। विधेयक का मसौदा ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों से संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

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इसमें धन शोधन और अवैध धन हस्तांतरण के लिए डिजिटल वॉलेट और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग, आतंकवादी संगठनों के लिए संभावित संदेश और संचार आधार के रूप में काम करने वाले ये प्लेटफॉर्म, और भारतीय कर और कानूनी दायित्वों को दरकिनार करने वाली संस्थाएं आदि शामिल हैं।

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नियमों के उल्लंघन पर होगा मोटा जुर्माना

प्रस्तावित कानून का मसौदे के मुताबिक, सरकार भारत में किसी भी व्यक्ति को ऑनलाइन गेम बेचने से प्रतिबंधित करेगी, ऐसा न करने पर उसे तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है। ऐसे प्लेटफॉर्म का प्रचार करने वालों, जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, को भी दो साल की जेल और 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

इसके अलावा सरकार बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे प्लेटफॉर्म पर वित्तीय लेनदेन की सुविधा देने से भी रोक सकती है।