केंद्र सरकार ने सुदर्शन टीवी को कथित तौर पर भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने के लिए नोटिस जारी किया है। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रथम दृष्टया में चैनल के शो- ‘बिंदास बोल’ में प्रोग्राम कोड के उल्लंघन की बात पता चली है। सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि चैनल को भेजे गए शोकॉज नोटिस पर सरकार जो भी कदम उठाएगी, उसी के आधार पर कोर्ट आगे का फैसला करेगी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ को बताया कि सुदर्शन टीवी को कारण बताओ नोटिस का जवाब 28 सितंबर तक देना है। अगर जवाब नहीं मिलता है, तो चैनल के खिलाफ एकपक्षीय निर्णय लिया जाएगा। तुषार मेहता ने कहा कि प्रोग्राम कोड के उल्लंघन के बारे में सुदर्शन टीवी चार पन्ने का नोटिस भेजकर लिखित जवाब मांगा गया है। यह नोटिस केबल टेलीविजन नेटवर्क कानून, 1995 के तहत दिया गया। तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि इस मामले की सुनवाई चैनल का जवाब आने तक के लिये स्थगित कर दी जाए।

मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि अगर इस मामले की सुनवाई नहीं हो रही होती, तो इसकी सारी कड़ियों का प्रसारण हो गया होता। पीठ ने सुनवाई पांच अक्ट्रबर के लिये स्थगित करते हुये कहा कि केंद्र इस मामले में लिये गये निर्णय के बारे में एक रिपोर्ट दाखिल करेगा। पीठ ने कहा कि इस कार्यक्रम की शेष कड़ियों के प्रसारण पर रोक लगाने का 15 सितंबर का आदेश ही प्रभावी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने भी ट्वीट पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “अब हमें सरकार का भी नोटिस मिला है। अब हिंदुस्थान में ऐसी कोई संस्था / विभाग नहीं बचा जिसने हमको नोटिस न दिया हो।” हालांकि, उन्होंने इन सभी का जवाब देने की बात करते हुए कहा, “इन सब के बाद भी हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और सबको तय सीमा के अंदर उत्तर देंगे। बस इतना समझ लीजिए कि हिंदुस्थान में हिंदुस्थान के लिए खड़ा होना कितना कठिन है।”