सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाई जा रही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का खर्च बढ़ गया है। कुछ अतिरिक्त कार्यों के चलते इसका खर्च 282 करोड़ रुपए बढ़ गया है। निर्माण बजट में 29% की वृद्धि किए जाने के साथ ही नए संसद भवन का अनुमानित खर्च 1200 करोड़ के पार हो गया है। हालांकि नए संसद भवन के निर्माण कार्य के लिए पहले 977 करोड़ का ही बजट तय किया गया था।

टाटा प्रोजेक्ट्स नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण कर रही है। करीब चालीस प्रतिशत काम एक साल में किया जा चुका है। साल 2020 के दिसंबर महीने में निर्माण कार्य की शुरुआत की गई थी। शुरू में यह निर्माण कार्य 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले समाप्त होने की उम्मीद थी। लेकिन बाद में इसकी समयसीमा बढ़ाकर अक्टूबर कर दी गई है। इस कार्य को सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर पूरा करवाने में जुटी हुई है। कोरोना महामारी की वजह से जहां कई अन्य निर्माण कार्य पर प्रतिबंध है तो वहीं सेंट्रल विस्टा परियोजना पर किसी तरह की रोक नहीं है।

बता दें कि नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी होगा और इसमें लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी पर काम होगा। नई बिल्डिंग का निर्माण काय कुल 64,500 वर्ग मीटर में किया रहा है। यह इमारत 4 मंजिला होगी। साथ ही नए संसद भवन में जाने के 6 रास्ते होंगे। एक एंट्रेंस पीएम और प्रेसिडेंट के लिए होगा। एक लोकसभा के स्पीकर, एक राज्य सभा के चेयरपर्सन, सांसदों के प्रवेश के लिए 1 एंट्रेंस और 2 पब्लिक एंट्रेंस होगा। 

इस बिल्डिंग के दोनों सदनों में सीटों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। ताकि भविष्य में संसद सदस्यों की संख्या बढ़ने पर कोई दिक्कत न हो। नई बिल्डिंग में लोकसभा चैंबर में 543 सीट की जगह 888 सीट होगी। ज्वॉइंट सेशन के दौरान लोकसभा चैंबर में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे। इसके साथ ही राज्यसभा में भी 245 की जगह 384 सीट होगी। सभी सांसदों के लिए 40 वर्ग मीटर जगह उपलब्ध होगी।