आखिरकार विवाद बढ़ने पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को मॉब लिचिंग के अारोपियों का स्वागत करने के मामले में माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि कानून अपना काम करेगी। दोषियों को दंडित किया जाएगा। निर्दोष लोगों को बचाया जाएगा। यदि जेल से निकले लोगों (लिचिंग के दोषी) को माला पहनाने से ऐसा लगा रहा है कि मैं दोषियों का समर्थन कर रहा हूं, तो मैं इस पर खेद प्रकट करता हूं। दरअसल, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड के रामगढ़ में मॉब लिचिंग के दोषी करार दिए गए आठ लोगों को जमानत मिलने पर बीते पांच जुलाई को फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया था। इस घटना के बाद वे विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि मॉब लिचिंग मामले में दोषी करार दिए गए आठ अरोपी, जिनमें भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल थे, जय प्रकाश सेंट्रल जेल से सीधे केंद्रीय मंत्री के घर पहुंचे। वहां मंत्री ने उनका स्वागत किया। वहीं, इस मामले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने कहा था कि यह बेहद संवेदनशील मामला था। केंद्रीय मंत्री का यह आचरण अनुचित था।
I have earlier also said that law will take its own course. Guilty will be punished & innocent will be spared. If by garlanding those men (Ramgarh lynching case convicts) an impression has gone out that I support such vigilantism then I express regret: Union Minister Jayant Sinha pic.twitter.com/vHEtqhRg8n
— ANI (@ANI) July 11, 2018
बता दें कि पिछले वर्ष 27 जून को हजारीबाग जिले के रामगढ़ इलाके में करीब कथित गोरक्षकों ने प्रतिबंधित मांस ले जा रहे एक ट्रक पर हमला कर उसके ड्राइवर अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठी थी। इसके बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में 21 मार्च को इस मामले की सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
क्षेत्र के सांसद जयंत सिन्हा ने इस मामले पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए अप्रैल माह में सीबीआई जांच की मांग की थी। इसके बाद सभी दोषियों ने हाईकोर्ट का रूख किया और इनमें से आठ को 29 जून को जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद जंयत सिन्हा ने माला पहनाकर इनका स्वागत किया था।