केंद्र सरकार ने संसद में बयान देते हुए कहा कि पिछले पांच साल के दौरान हाथ से मैला साफ़ करने वाले किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। राज्यसभा में दिए गए इस जवाब की वजह से केंद्र की भाजपा सरकार विरोधी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। केंद्र सरकार के इस जवाब पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार को झूठा बताते हुए उनके ही मंत्री का पुराना बयान याद दिला दिया।
दरअसल राज्यसभा के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि हाथ से मैला उठाने वाले 66,692 लोगों की पहचान हुई है। यह प्रश्न किए जाने पर कि हाथ से मैला ढोने वाले ऐसे कितने लोगों की मौत हुई है,पर उन्होंने कहा, ‘‘हाथ से सफाई के कारण किसी के मौत होने की सूचना नहीं है।’’ सरकार हाथ से मैला सफाई के कारण मौत को मान्यता नहीं देती और इसके बजाय इसे खतरनाक तरीके से शौचालय टैंक एवं सीवर की सफाई के कारण मौत बताती है।
राज्यसभा में दिए गए इस बयान पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। सीताराम येचुरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत ने कभी ऐसी केंद्र सरकार नहीं देखी जो बेशर्मी से संसद के सामने झूठ बोलती हो। फरवरी के बजट सत्र में केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान इस प्रतिबंधित कुप्रथा के कारण 340 मौतें हुई हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने हाथ से मैला ढ़ोने वाली प्रथा को बंद करने की भी मांग की।

संसद के पिछले सत्र के दौरान दस मार्च को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा था, ‘‘हाथ से मैला साफ करने के कारण किसी की मौत नहीं हुई। बहरहाल, शौचालय टैंक या सीवर की सफाई के दौरान लोगों के मौत की खबर है। रामदास अठावले के द्वारा राज्यसभा में दिए गए जवाब पर सफाई कर्मचारियों के संगठन ने भी ऐतराज जताया है।
सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक बेजवाड़ा विल्सन ने कहा कि मंत्री ने खुद ही स्वीकार किया था कि सीवर की सफाई के दौरान 340 लोगों की मौत हुई है। साथ ही उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि वह तकनीकी रूप से बयान दे रहे हैं और हाथ से मैला सफाई को सूखा शौच बता रहे हैं। इसलिए उन्हें अपने बयान में स्पष्ट रूप से जिक्र करना चाहिए कि सूखे शौच से लोगों की मौत नहीं हो सकती है बल्कि शौचालय के टैंक के कारण लोगों की मौत होती है। सरकार हर चीज से इंकार कर रही है और इसी तरह हाथ से मैला सफाई के कारण होने वाली मौत से भी इंकार कर रही है।’ ( पीटीआई इनपुट्स के साथ)

