आईएनएक्स मीडिया केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आज (01 जून) समन जारी किया है और 06 जून को पेश होने को कहा है। इससे एक दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देते हुए तीन जुलाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी लेकिन पूछताछ जारी रखने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने दोबारा समन जारी किया है। इससे पहले जारी समन के खिलाफ पी चिदंबरम कोर्ट चले गए थे क्योंकि उन्हें आशंका थी कि पूछताछ के बहाने सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। पिछले समन के मुताबिक चिदंबरम से गुरुवार को ही पूछताछ होनी थी लेकिन उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए बुधवार को ही अदालत का दरवाजा खटखटा दिया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भी एयरटेल-मैक्सिस मामले में पांच जून तक चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

क्या है मामला?- आईएनएक्स मीडिया केस मनी लॉंड्रिंग से जुड़ा है। इस कंपनी के निदेशक शीना बोरा मर्डर केस में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी हैं। आरोप है कि पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने गलत तरीके से और पिता के ओहदे का फायदा उठाकर आईएनएक्स मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलवाई थी। इस मंजूरी के बाद ही कंपनी को 305 करोड़ रुपये का फंड मिला था। आरोप है कि इसके एवज में कार्ति चिदंबरम को कंपनी की तरफ से 10 लाख रुपये दिए गए थे।

आरोप यह भी है कि एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने और फंड मिलने के बाद आईएनएक्स मीडिया कंपनी और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच 3.5 करोड़ रुपये की लेन-देन हुई है। कार्ति पर यह भी आरोप है कि कंपनी पर टैक्स से जुड़े एक मामले को रफा-दफा करने के लिए कार्ति ने पिता के प्रभाव के गैरकानूनी इस्तेमाल किया है। पी चिदंबरम पर भी आरोप है कि उन्होंने एफआईपीबी की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया को 4.82 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को मंजूरी दी है। हालांकि, इस मामले में दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का नाम नहीं है। सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।