आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के घर समेत 12 ठिकानों पर शुक्रवार सुबह से जारी छापेमारी को लेकर सीबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। साल 2006 से जुड़े इस मामले पर बोलते हुए सीबीआई ने बताया कि होटल लीज पर देने के बदले प्राइवेट कंपनी को फायदा गया पहुंचाया था और बदले में जमीन ली गई थी। 32 करोड़ की जमीन सिर्फ 65 लाख रुपए में अपने नाम करा ली गई थी। सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने कहा, “विभिन्न स्थानों पर आज सुबह 7.30 बजे रेड शुरू की गई थी और कुछ जगहों पर अभी भी जारी है। धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस है। पुरी और रांची होटल के आवंटन में गड़बड़ी पाई गई है। जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद FIR दर्ज की गई।”
क्या है मामला:
लालू यादव साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। सीबीआई का कहना है कि 2006 में रेल मंत्री रहते लालू यादव ने रांची और पुरी के बीएनआर होटलों के रखरखाव के लिए प्राइवेट कंपनियों को टेंडर दिया था। यह टेंडर निजी सुजाता होटेल्स को दिया गया था। बीएनआर होटल रेलवे के हैरिटेज होटल हैं जिन्हें उसी साल (2006 में) आईआरसीटीसी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। केस दर्ज किए जाने के बाद दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की गई है।
छापेमारी दिल्ली, पटना, राची, पुरी और गुरुग्राम स्थित ठिकानों पर की गई। लालू के छोटे बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर भी छापेमारी की गई है। इस मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पी के गोयल, यादव के विश्वासपात्र प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सुजाता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
Raids started at 7.30 am today and are continuing at different locations: Rakesh Asthana,CBI on Railway hotel tenders case pic.twitter.com/4Y1IEqmXwX
— ANI (@ANI) July 7, 2017
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