Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। एनसीपी के नेता छगन भुजबल को एक बार फिर मंत्री बनने का मौका मिला है। छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। वह महायुति में धनंजय मुंडे की जगह पर एक मजबूत ओबीसी चेहरा हैं। भुजबल को फिर से कैबिनेट में शामिल करने का मतलब है कि एनसीपी ने अलायंस में अपने मंत्रियों का कोटा बरकरार रखा है। इतना ही नहीं उस नेता को भी खुश कर दिया है जो फडणवीस सरकार में पद ना मिलने से नाराज थे।

धनंजय मुंडे ने कुछ ही महीने पहले पद छोड़ दिया था। छह महीने पहले विधानसभा चुनाव हुए थे और महायुति ने सत्ता में वापसी की और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। छगन भुजबल को कोई भी पद नहीं मिला था। उस समय भुजबल ने यह सुनिश्चित किया है कि वे राज्य की पॉलिटिक्स में एक प्रभावशाली आवाज बने रहें और जाति जनगणना जैसे विवादास्पद मुद्दों पर मजबूत रुख अपनाएं। जैसे-जैसे केंद्र की मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत की, महायुति के लिए भुजबल को दरकिनार या कहें नजरअंदाज करना बहुत ही कठिन काम हो गया। जाति जनगणना से सबसे ज्यादा फायदा ओबीसी को ही मिलने वाला है।

जाति जनगणना का किया स्वागत

देशभर में ओबीसी की सही आबादी का पता लगाने का मुद्दा उठाने वाले शुरुआती लोगों में छगन भुजबल का नाम भी शुमार है। इतना ही नहीं जब मोदी सरकार ने इस बात का ऐलान किया कि जनगणना के साथ में ही जातीय जनगणना भी कराई जाएगी तो भुजबल ने इस फैसले का स्वागत किया। एनसीपी के मुखिया अजित पवार की पार्टी को मराठा का समर्थक माना जाता है। उनके लिए भुजबल को मंत्री बनाना काफी अहम साबित हो सकता है। रिजर्वेशन के मुद्दे पर मराठा ओबीसी के साथ में मतभेद रखते हैं और भुजबल इस तरह के कोटे का विरोध करने में प्रखर रहे हैं।

शरद पवार के साथ बेहतरीन तालमेल

शरद पवार की पार्टी के एनसीपी के साथ में विलय होने की अटकलें इस समय काफी जोरों पर हैं। ऐसे में भुजबल का कमबैक अजित पवार के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीपी के विभाजन में अजित के साथ जाने के बावजूद भुजबल का शरद पवार के साथ बेहतरीन तालमेल बना हुआ है। छगन भुजबल ने एक हफ्ते पहले कहा था, ‘अगर ऐसे परिवार फिर से एक हो जाते हैं जिनके बीच रिश्ते खराब हो गए हैं, तो यह एक खुशी का पल है। एनसीपी और एनसीपी (SP) का एक साथ आना हमें सामूहिक रूप से मजबूत बनाएगा।’ पढ़ें पूरी खबर…

बाल ठाकरे के साथ जुड़े थे छगन भुजबल

छगन भुजबल के मंत्रिमंडल में वापस आने के बाद कई आलोचकों का मुंह भी बंद हो गया है। नाम न बताने की शर्त पर एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने तब कहा था, ‘भुजबल ने सरकार और संगठन दोनों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। अब उन्हें पीछे हटना होगा और युवाओं के लिए रास्ता बनाना होगा।’ यह पहली बार नहीं था जब किसी ने भुजबल को कम आंका हो, जो एक समय में फल विक्रेता के तौर पर अपनी जिंदगी गुजारते थे। उन्हें किस्मत का साथ तब मिला जब वे दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के साथ जुड़े। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल करने के बाद भुजबल बाल ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना में शामिल हो गए और एक पार्षद के तौर पर शुरुआत करने के बाद वे तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। फोटो गैलरी में देखिए कि कौन हैं छगन भुजबल…