टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की कैश फॉर क्वेश्चन मामले में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर पूरे मामले की जांच लोकसभा के एक संसदीय पैनल द्वारा की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि एथिक्स कमेटी गृह मंत्रालय से महुआ मोइत्रा की पिछले 5 साल की विदेश यात्राओं का ब्योरा मांग सकती है। सूत्रों का मुताबिक संसदीय पैनल यह तय करने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क कर सकता है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान लोकसभा को सूचित करने और अन्य मंजूरी जैसी सभी उचित प्रक्रियाओं को पूरा किया था या नहीं। बता दें कि महुआ मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की ओर से 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी हुआ है।
आईटी से मांगी लॉगइन की जानकारी
इस मामले में संसद की एथिक्स कमेटी ने आईटी मंत्रालय से महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉग इन और लोकेशन की जानकारी मांगी है। एथिक्स कमेटी ने नवंबर में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। बता दें कि बता दें कि संसद में सवाल पूछने के लिए सांसद ‘सदस्य पोर्टल’ के माध्यम से या फिर संसदीय सूचना कार्यालय से मुद्रित प्रपत्रों की मदद से सवाल पूछ सकते हैं। इस सदस्य पोर्टल पर सवाल पूछने के लिए ही सांसदों को लॉग इन पासवर्ड दिए जाते हैं।
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे। उन्होंने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए हैं। निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद लोकसभा स्पीकर ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले को एथिक्स कमेटी के पास भेजा है।