तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा भारत के लोकपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपने की खबर के कथित मीडिया लीक के खिलाफ सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने सीबीआई और सभी संबंधित पक्षों को निर्देश दिया कि लोकपाल को सौंपी गई एजेंसी की रिपोर्ट के संबंध में गोपनीयता बनाए रखें।

जस्टिस सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि गोपनीयता बरकरार रखी जानी चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है कि गोपनीयता बनाए रखना सभी के लिए बाध्यकारी है।”

महुआ मोइत्रा के वकील ने कोर्ट में क्या तर्क दिया

महुआ मोइत्रा की तरफ से कोर्ट में वकील समुद्र सारंगी पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि लीक के कारण वह सार्वजनिक डोमेन में इन आरोपों का बचाव नहीं कर सकती हैं और यह एकतरफा हमला है। टीएमसी सांसद ने कोर्ट से आग्रह किया कि नियमों के अनुसार, सीबीआई और लोकपाल को गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए जाएं। उम्मीद है कि वह 13 अगस्त तक सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर लोकपाल के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी।

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सीबीआई द्वारा लोकपाल को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट के लीक होने पर आपत्ति जताते हुए मोइत्रा ने यह भी आशंका जाहिर की कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जांच रिपोर्ट भी लीक हुई है। भारत के लोकपाल ने मार्च 2024 में टीएमसी सांसद के खिलाफ कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले की शिकायत की सीबीआई द्वारा औपचारिक जांच का आदेश दिया।

महुआ मोइत्रा पर क्या आरोप?

मोइत्रा पर अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल्स दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर करने का आरोप है। उन्होंने कथित तौर पर गौतम अडानी से जुड़े मामलों पर सवाल पोस्ट किए थे। आरोप है कि मोइत्रा ने हीरानंदानी से मिली नकदी और महंगे गिफ्ट के रूप में रिश्वत के लिए ऐसा किया था। मोइत्रा ने आरोपों से इनकार किया था।