दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके को आतंकी हमला माना गया है। केंद्र सरकार ने इसे आतंकी हमला माना। वहीं अब एक बड़ा खुलासा हुआ। धमाके वाली कार को चला रहा शख्स रामलीला मैदान के पास एक मस्जिद में गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी के बारे में माना जाता है कि सोमवार को वही कार चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ था। अधिकारी के अनुसार उसने दोपहर करीब 3.19 बजे सुनहरी मस्जिद पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा किया था।

मस्जिद गया था उमर

उससे पहले उमर नबी आसफ अली रोड पर, रामलीला मैदान के पास एक मस्जिद गया था, जहां वह कथित तौर पर लगभग तीन घंटे तक रहा और नमाज अदा की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, “वह लाल किले की ओर जाने से पहले लगभग तीन घंटे तक वहां रुका था। हम संदिग्ध आत्मघाती हमले सहित सभी एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं।”

एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि लाल किले की ओर बढ़ने से पहले उमर ने पार्किंग स्थल पर तीन घंटे तक रुकने के दौरान क्या किया। एक अन्य अधिकारी ने कहा, “उमर फरीदाबाद मॉड्यूल में गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में लगातार अपडेट देख रहा था। हम यह भी वेरिफिकेशन करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वह सिग्नल फोन का उपयोग करके अपने आका के संपर्क में था।”

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सैंपल से पता चलेगी सच्चाई?

अधिकारी ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ उस संभावित सिग्नल उपकरण के टुकड़ों का पता लगाने के लिए नमूनों का विश्लेषण कर रहे हैं जिसका उपयोग आका के संपर्क में रहने के लिए किया गया हो सकता है। दिल्ली फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने विस्फोट स्थल से 40 से अधिक सैंपल इकठ्ठा किए हैं, जिनमें वाहन के मलबे, धातु के टुकड़े और शरीर के अंग शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि नमूनों की जांच करने और इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की प्रकृति की पहचान करने के लिए विशेषज्ञों की एक विशेष टीम का गठन किया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि एजेंसियां हमले में किसी और के शामिल होने की पुष्टि करने के प्रयासों के तहत, विस्फोट से पहले उमर की गतिविधियों को फिर से व्यवस्थित करने के लिए मस्जिद क्षेत्र और आस-पास की सड़कों की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जांच रही हैं।