आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने इशारा दिया है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी वैधता देना भारत के लिए ठीक नहीं होगा। उनका कहना है कि वो फिलहाल नहीं कह सकते कि भारत में इस तरह का रिश्ता किस तरह से फिट बैठने वाला है। श्रीश्री ने इंडियन एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका के एक सवाल पर कहा कि शादी एक संस्था है। ये केवल दो व्यस्कों के बीच का रिश्ता नहीं है। इसका दूर तक असर जाता है।
श्री श्री बोले- ये भी नहीं पता कि विदेशों में ऐसे रिश्तों का क्या असर
श्रीश्री का कहना था कि शादी में परिवार भी शामिल होते हैं। इस रिश्ते से पैदा होने वाले बच्चों को भी हम नहीं भूल सकता। मैं नहीं कह सकता कि हमारे देश में समलैंगिक शादियां किस तरह से फिट बैठेंगी। उन्हें तो ये भी नहीं पता कि विदेशों में इस तरह के रिश्तों का क्या असर है। अनंत गोयनका ने उनसे सवाल किया कि क्या वो अपने स्कूलों में मेल-फीमेल के साथ अदर्स के लिए बाथरूम बनाना पसंद करेंगे। श्रीश्री का कहना था कि क्यों नहीं। उनका कहना था कि लंबे समय से वो ऐसा कर रहे हैं। अपनी बात को खत्म करते समय उन्होंने हंसते हुए कहा कि हां एयरोप्लेन केस न हो…।
समलैंगिक शादियों को कानूनी वैधता देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट फिलहाल सुनवाई कर रहा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मसले पर तीसरे दिन भी सुनवाई की। अटार्नी जनरल ऑफ इंडिया रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने समलैंगिक शादियों को कानूनी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि महिला-पुरुष की तरह से ये लोग भी तो जिंदा इंसान हैं। इन्हें अपने मन मुताबिक जीवन जीने की आजादी मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि इन लोगों को घृणा की नजर से देखना गलत है। इनके भी तो अपने कुछ अधिकार हैं।
मुकुल रोहतगी मानते हैं- समलैंगिक शादियों को कानूनी दर्जा दिया जाए
रोहतगी का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट और सरकार इस मामले में अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल कर समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दे। उनकी दलील थी कि विधवा पुर्नविवाह को लेकर जब कानून बना था, तब उसका भी भारी विरोध हुआ था। लेकिन बाद में सभी ने इसे मान लिया। आज की तारीख में विधवा के विवाह को हिकारत की नजर से नहीं देखा जाता है। समलैंगिक शादियों का हो सकता है कि अभी विरोध हो। लेकिन आने वाले समय में लोग इस तरह की शादियों को मान्यता देने लगेंगे। कुछ उसी अंदाज में जैसे विधवा की फिर से शादी आज कोई बड़ा मसला नहीं है।