लोकसभा सांसद पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों के बाद उनके दोस्त से एक हाईटेक बुलेट प्रूफ कार गिफ्ट की है। इस कार पर रॉकेट लॉन्चर तक का भी कोई असर नहीं होगा। एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या के बाद पप्पू यादव ने लॉरेंस बिश्नोई को ललकारा था। इसके बाद बिश्नोई गैंग की तरफ से धमकी सामने आई थी। पप्पू यादव ने ऐलान किया कि जो लैंड क्रूजर गाड़ी उन्हें गिफ्ट में मिली है उसे रॉकेट लॉन्चर भी उड़ा नहीं सकता है। ऐसे में सवाल है कि आखिर बुलेटप्रूफ कार कितनी सुरक्षित होती है और उसे कैसे लिया जा सकता है?

क्या होती है बुलेटप्रूफ गाड़ी?

बुलेटप्रूफ कार में को किसी भी तरह के हथियार से सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है। इस पर गोलियों का हमला नहीं होता है। इसके अलावा रॉकेट लॉन्चर और हैंड ग्रेनेड के हमले से भी यह सुरक्षित रहती है। वीवीआईपी और नेताओं की सुरक्षा के लिए इसे तैयार किया जाता है। इन गाड़ियों को भारत में भी तैयार किया जाता है और इसे विदेश से इंपोर्ट भी किया जा सकता है। हालांकि भारत में अधिकांश कारों को विदेशी से मंगाने के बजाए यहां मोडिफाई कराया जाता है।

कौन सी गाड़ी हो सकती है बुलेट प्रूफ

किसी भी गाड़ी को बुलेट प्रूफ बनाने के लिए उसमें कुछ खासियत होनी चाहिए। मोडिफाई होने के बाद बढ़ने वाले वजन को सहन करने के लिए इंजन की क्षमता होनी चाहिए। ऐसे में जो लोग अपनी गाड़ी को बुलेट प्रूफ कराते हैं, उसमें सबसे ज्यादा गाड़ी टाटा सफारी, महिंद्रा स्कॉर्पियो, मित्सुबिशी पजेरो, टोयोटा इनोवा, फोर्ड एवेंडर, टोयोटा फॉर्च्यूनर, बीएमडब्लू और ऑडी सहित कुछ और एसयूवी शामिल हैं। विदेश में BMW, Audi या Nissan जैसी कंपनियां बुलेटप्रूफ कार बेचती हैं।

कैसे बुलेटप्रूफ बनती है कोई गाड़ी

किसी भी गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनाने के लिए सबसे पहले यह देखा जाता है कि जिस कार को बुलेटप्रूफ किया जा रहा है वह किस श्रेणी की है। आमतौर पर एसयूवी गाड़ियों को बुलेटप्रूफ किया जाता है। जिस गाड़ी को बुलेटप्रूफ किया जाना है उसमें इंजन को छोड़कर पूरी कार को बदल किया जाता है। कई बार गाड़ी को अतिरिक्त पावर देने के लिए इंजन भी बदल दिया जाता है, हालांकि उसका चेसिस नंबर वही रहती है। गाड़ी से दरवाजे से लेकर उसकी विंडशील्ड, विंडो, बैक ग्लास, पहिए और छत के अलावा पूरा पैनल बदल दिया जाता है। इसे बुलेटप्रूफ मटीरियल से तैयार किया जाता है। गाड़ी के हर कोने के लिए स्टील की शीट काट कर तैयार की जाती है।

गाड़ी ने बाहर की तरफ एक खास तरह की शीट लगाईं जाती है, जिन पर गोली सबसे पहले टकराती है। गाड़ी की छत पर शील्डिंग की जाती है क्योंकि सामने के शीशे के बाद यही गाड़ी का सबसे कमजोर हिस्सा होता है। बुलेटप्रूफ कार की छत को अंदर से कई परतों की शील्ड लगाकर तैयार किया जाता है। गाड़ी के उन हिस्सों को कवर किया जाता है जो सुरक्षा में चूक बन सकते हैं। इन गाड़ियों में टायर को भी ऐसे डिजाइन किया जाता है जो किसी भी हमले की स्थिति में बाधा ना बनें। इसके लिए मटीरियल से बने ट्यूबलेस टायर इस्तेमाल किए जाते हैं। किसी भी गाड़ी के बुलेटप्रूफ होने पर उसका वजन करीब 1000 किलो तक बढ़ जाता है। इतना वजन बढ़ने पर ना सिर्फ गाड़ी की अधिकतम रफ्तार कम हो जाती है बल्कि उसके माइलेट पर भी काफी असर पड़ता है।

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भारत में बुलेटप्रूफ कार के निर्माण में 6.5 मिमी मोटाई की शीट का इस्तेमाल किया जाता है। यह मजबूत होती है कि इसे काटने और तराशने के लिए एक खास ब्लेड वाले कटर का इस्तेमाल किया जाता है। मेटल शीट इंस्टाल करते समय इंजन फायर वाल के एक-एक वायर और वाल्व को ध्यान में रखते हुए बुलेटप्रूफ प्रोटेक्शन किया जाता है। शीशे को मजबूती देने के लिए करीब 45 से 55 mm का मोटा ग्लास जो कि कई परतों में होता है, उसका इस्तेमाल होता है।

भारत में कौन बनाता है बुलेटप्रूफ कार?

पिछले कुछ सालों में बुलेटप्रूफ कार की डिमांड काफी बढ़ गई है। ऐसे में कई कंपनियां बुलेटप्रूफ कार का निर्माण करती है। SUV और सेडान क्लास की बुलेटप्रूफ कारों के अलावा, आर्मी और अन्य फोर्सेज के लिए भी बख्तरबंद वाहन और बैंकों के लिए कैश वैन वगैरह बनाती हैं। भारत में महिंद्रा एमीरेट्स व्हीकल आर्मरिंग, द आर्मर्ड ग्रुप, शील्ड आर्मरिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां इन गाड़ियों का निर्माण करती हैं।

किसी गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनाने में कितना आता है खर्च

किसी भी गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनाने में आने वाला खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कितनी सुरक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है। आमतौर पर गाड़ियों को सिर्फ गोलियों से होने वाले हमले के लिए तैयार किया जाता है। अगर किसी वीवीआईपी को हैंड ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर जैसे हथियारों से भी हमले का खतरा है तो उसे एडवांस स्तर पर तैयार किया जाता है। आमतौर पर गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनाने में 20 से 50 लाख का खर्च आता है। इसमें अगर कोई सिर्फ शीशे को बुलेटप्रूफ कराता है तो 5 लाख तक खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं मर्सिडीज़ या बीएमडब्ल्यू की पूरी बुलेट प्रूफिंग में 3-4 करोड़ रुपये भी खर्च हो सकते हैं।

बुलेटप्रूफ गाड़ियों को लेकर क्या है नियम

भारत में किसी भी गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनाने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं जिससे अपराधी इन गाड़ियों का इस्तेमाल ना कर सकें। जो भी व्यक्ति अपनी गाड़ी को बुलेटप्रूफ कराना चाहता है उसे सबसे पहले इसकी वजह बतानी होगी। इसके लिए उसे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से इजाजत लेनी होगी। इनकी मंजूरी मिलने के बाद गृह मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होती। इसके बाद आप अपनी गाड़ी को बुलेटप्रूफ कार में तब्दील करा सकते हैं। सलमान खान ने खरीदी बुलेटफ्रूफ कार