पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक सीनियर साइंटिस्ट को राहत देते हुए उनकी रिटायरमेंट उम्र 62 साल कर दी है। वह नादिया जिले में विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं जहां एक प्रस्ताव के जरिए रिटायरमेंट की उम्र 60 साल निर्धारित कर दी गई थी। लेकिन विश्वविद्यालय के 2 फरवरी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए जस्टिस जय सेनगुप्ता ने आदेश दिया कि वरिष्ठ वैज्ञानिक कृष्ण किशोर गोस्वामी 62 साल की उम्र में रिटायर होंगे। क्योंकि उनके सेवा में शामिल होते समय रिटायरमेंट की उम्र 62 साल ही निर्धारित की गई थी। कोर्ट ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) उनकी दो साल की सेवा के लिए विश्वविद्यालय के फाइनेंशियल बर्डन को डील करेगा।
क्या जानकारी है?
जस्टिस सेनगुप्ता ने आदेश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने इस साल 2 फरवरी को एक प्रस्ताव पारित कर सीनियर साइंटिस्ट (याचिकाकर्ता) की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल निर्धारित की थी। कोर्ट ने इसे मनमाना और साइंटिस्ट की वैध अपेक्षाओं का उल्लंघन बताया।
कोर्ट ने कहा, “विश्वविद्यालय के प्रस्ताव को रद्द किया जाता है और मामले को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद को वापस भेजा जाता है ताकि कानून के मुताबिक 8 सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता (सीनियर साइंटिस्ट) की रिटायरमेंट की उम्र पर नए सिरे से निर्णय लिया जा सके।”
अदालत ने आगे कहा,”जब तक विश्वविद्यालय इस संबंध में निर्णय नहीं ले लेता, याचिकाकर्ता विश्वविद्यालय में काम करने के लिए स्वतंत्र रहेगा, जब तक कि वह पहले से ही 62 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता है।”
हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक कृष्ण किशोर गोस्वामी के वकील शमीम अहमद ने कहा, “जब वह बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय में कर्मचारी के रूप में शामिल हुए, तो उनसे अनुबंध किया गया था कि उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष होगी। उन्हें अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उन्हें 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर किया गया। अब वह अगस्त 2025 तक अपनी सेवा जारी रख सकते हैं।”