दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र की आज दूसरे दिन की कार्रवाई है। पहले राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, उसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने CAG की रिपोर्ट को पेश किया। शराब घोटाले से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट को रेखा गुप्ता ने सदन में पेश किया। इसमें बड़ा खुलासा हुआ है। रेखा गुप्ता ने बताया कि शराब पॉलिसी बदलने से 2002 करोड़ रुपये का नुकसान दिल्ली सरकार को हुआ है।

शराब पॉलिसी बदलने से 2002 करोड़ रुपये का नुकसान

CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं गलत फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार को ऐसा नुकसान हुआ है। सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि जोनल लाइसेंस जारी करने में छूट देने पर लगभग सरकार को 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार रिटेंडर प्रक्रिया से भी सरकार को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं कोरोना के प्रतिबंधों की वजह से 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक शराब कारोबारियों को लाइसेंस में 144 करोड़ रुपये की छूट दी गई। जबकि सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से जमा नहीं करने से 27 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ है। CAG रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ रिटेल विक्रेताओं ने शराब नीति खत्म होने तक लाइसेंस का इस्तेमाल किया लेकिन कुछ ने समय से पहले ही सौंप दिया।

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जानें और क्या थी खामियां

CAG रिपोर्ट के अनुसार लाइसेंस उल्लंघन से भी सरकार को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली एक्साइज नियम, 2010 के नियम 35 को सही से लागू नहीं किया गया। मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल में दिलचस्पी रखने वाले कारोबारियों को होलसेल का लाइसेंस दिया गया। इससे पूरी लिकर सप्लाई चेन में सिर्फ एक तरह के लोगों को फायदा हुआ। रेखा गुप्ता ने कहा कि होलसेल मार्जिन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार शराब जोन चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये की जरूरत थी लेकिन सरकार ने कोई जांच नहीं की।

बता दें कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार पूर्व की AAP सरकार ने अपनी एक्सपर्ट समिति की सलाह को नदरअंदाज किया और नीति में मनमाने बदलाव किए।रिपोर्ट में कहा गया कि पहले एक व्यक्ति को सिर्फ 2 दुकानें रखने की अनुमति थी, लेकिन नई पॉलिसी में लिमिट बढ़ाकर 54 कर दी गई।