मोदी सरकार में मंत्री और जम्मू-कश्मीर ताल्लुक रखने वाले जितेंद्र सिंह का कहना है कि घाटी समेत समूचे प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य हैं। उन्होंने बताया कि घाटी में कोई कर्फ्यू लागू नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को नज़रबंद करके नहीं, बल्कि उन्हें वीआईपी बंगलों में रखा गया है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक जितेंद्र सिंह ने कहा कि घाटी के नेताओं को हॉलीवुड फिल्मों की सीडी दी गई है और उन्हें जिम की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के किसी भी नेता कों 18 महीने से ज्यादा हाउस अरेस्ट नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि नेताओं को आलीशान बंगले में रखा गया है और उनकी सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ (POK) पर अपनी बात रखी और कहा कि पीओके हमारा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर की पुरानी सीमा को देश में शामिल करने के प्रति प्रतिबद्ध है। भारतीय संसद का हवाला देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय संसद ने 1994 में ही एक प्रस्ताव पारित कह दिया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
गौरतलह है कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने के साथ ही प्रदेश के तमाम नेताओं को नज़बंद कर दिया गया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला, उनके पिता फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी नज़रबंद हैं। फारुख अब्दुल्ला पर तो सरकार ने पीएसए लगा दिया है। जिसके तहत उन्हें बिना अदालती कार्रवाई के दो साल तक बंद रखा जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ महबूबा की नजरबंद रखने को लेकर उनकी बेटी इल्तिजा लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। ‘इंडिया टुडे कॉनक्लेव’ में भी उन्होंने घाटी के हालात को चिंताजनक बताया और आगामी समय को काफी चुनौतीपूर्ण माना। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की पहल की जमकर आलोचना की।
