प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मुफ्त अनाज वितरण को 4 साल तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी। जिसके चलते अब देश की गरीब जनता को अगले कुछ सालों तक मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार अब 2028 तक गरीबों को मुफ्त अनाज देगी।

दिल्ली में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आपूर्ति को दिसंबर 2028 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

मोदी सरकार ने बुधवार (9 अक्टूबर 2024) को कई योजनाओं को हरी झंडी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने पर मुहर लगा दी।

कई कल्याणकारी योजनाओं को दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिड डे मील, मुफ्त राशन, योजना, पीएम पोषण योजना, आईसीडीएस, आकांक्षी की सभी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। योजना के लिए केंद्र ने 17,082 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

पौष्टिक तत्वों से भरपूर यानी फोर्टिफाइड चावल लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए अहम माना जाता है। चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की प्रक्रिया में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी12) से भरपूर ‘फोर्टिफाइड’ चावल कर्नेल (एफआरके) को नियमित चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाया जाता है।

‘कांग्रेस राजनीतिक फायदे के लिए हिंदुओं को बांटना चाहती है’, पीएम ने मोदी ने हरियाणा के नतीजों के बाद जमकर साधा निशाना

क्या है सरकार की पहल?

आधिकारिक बयान के अनुसार, “चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की पहल केंद्रीय क्षेत्र की पहल के रूप में जारी रहेगी। इसका 100 प्रतिशत वित्तपोषण पीएमजीकेएवाई (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत संस्थागत तंत्र उपलब्ध होगा।”

सरकार ने कहा है कि “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति” की पहल की गई है। अप्रैल, 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मार्च, 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल पौष्टीकरण पहल को लागू करने का निर्णय लिया था। तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और मार्च, 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में पोषक तत्वों से भरपूर चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।

(इनपुट- भाषा)