कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने उन्हें पकड़कर धकेला और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। प्रियंका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें घेरा और उनका गला दबाया। प्रियंका, प्रदेश मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद नये नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये बाहर निकलीं थीं।
दारापुरी के परिजनों से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा ‘मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।’ इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उनकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ‘सबकी राजनीति को खतरा है।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने ने बताया कि रास्ते में लोहिया चौराहे के पास पुलिस ने प्रियंका के वाहन को रोका। जब उन्होंने इसका विरोध किया और पूछा कि आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मेरी सुरक्षा का नहीं बल्कि योगी की पुलिस का मुद्दा है। पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं और करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी में बैठीं।
Smt @priyankagandhi‘s car is forcefully stopped by UP police while on her way to meet the family of former IPS officer, S R Darapuri. pic.twitter.com/FC9nEdzJQ0
— Congress (@INCIndia) December 28, 2019
बता दें कि दारापुरी को पुलिस ने शांतिभंग करने की आशंका में गिरफ्तार किया हुआ है। दरअसल लखनऊ के प्रेस क्लब में एसआर दारापुरी के नेतृत्व में 4-5 दलित हितैशी संगठनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। शहर पश्चिमी के पुलिस अधीक्षक विकास चन्द्र त्रिपाठी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को शांतिभंग की आशंका का हवाला देकर रद्द करवा दिया था।