Citizenship Amendment Act के खिलाफ प्रदर्शन काबू करने के लिए दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाद अब तमिलनाडु की मद्रास यूनिवर्सिटी में भी पुलिस ने घुसपैठ की है। मंगलवार शाम वहां पर स्टूडेंट्स संशोधित नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे थे, उसी बीच कैंपस में पुलिस धमक पड़ी।

दरअसल, CAA और जामिया में छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर दो दिनों से मद्रास विवि के छात्र आंदोलन कर रहे हैं। वह अपने आगे के फैसले पर चर्चा कर रहे थे, तभी कैंपस में पुलिस घुस आई थी, जबकि कैंपस में हालात के मद्देनजर 23 दिसंबर तक के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई है।

ताजा मामले में NDTV को एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया- छात्रों ने विरोध प्रदर्शन को उकसाया था। वे बाहरी लोगों को कैंपस में लाना चाहते थे और पुलिस के लिए मुश्किलें पैदा करना चाहते थे। हमारे पास सबूत के तौर पर वीडियो भी है। हालांकि, हमने उसे कैंपस के बाहर सुरक्षित रखा हुआ है।

पुलिस ने यह भी बताया कि विवि प्रशासन से मदद मांगी थी। एक अन्य अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, “कुछ छात्र वीसी के कमरे की ओर बढ़े थे। वे दो छात्रों की रिहाई (पुलिस हिरासत में) के मामले में दखल की मांग करना चाहते थे।” हालांकि, छात्रों ने इस बारे में पूछे जाने पर इन्कार किया है।

पीजी स्टूडेंट जेन्नी भारती ने अंग्रेजी समाचार चैनल को बताया, “हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैँ।” एक अन्य छात्रा युवाश्री बोलीं- हम धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं चाहते। यह भारत को बांट देगा और यह कानून असंवैधानिक है।

चूंकि, जामिया में प्रदर्शन अचानक से हिंसक हो गया था। सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है, जबकि स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए। कॉलेज के वॉशरूम और लायब्रेरी में घुस कर पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें मारा-पीटा और आंखें फोड़ दीं। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस अधिकारियों के हालिया कदम ने विरोध भड़काने के प्लान को फेल कर दिया है।