जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि राम का नाम ले सत्ता में आए लोग नाथूराम का देश बना रहे हैं। कन्हैया के इस तंज पर ट्रोल्स उन्हें गद्दार कहने लगे हैं। कन्हैया ने ट्वीट किया, “देखिए इन तस्वीरो को। नफरत में अंधा होकर आजाद भारत के पहले आतंकवादी नाथूराम गोडसे ने 72साल पहले इसी तरह गांधीजी की हत्या कर दी थी क्योंकि उसे लगता था कि बापू ‘देश के गद्दार’ हैं। आज राम का नाम लेकर सत्ता में आए लोग नाथूराम का देश बना रहे हैं। जागिए,इससे पहले कि पूरा देश बर्बाद हो जाए।”

कन्हैया के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। हालांकि कुछ ने उनका समर्थन भी किया है। टि्वटर यूजर द्वैपायन @anu2046 ने लिखा, “गौर से देखिए इस तस्वीर को। यही वो ग़द्दार है जो हिन्दुस्तान के टुकड़े करना चाहता है। यही वो आस्तीन का सांप है जो हिन्दुस्तान की थाली में खाता है और उसी में छेद करता है। गौर से देखिए इस नमक हराम को।” साथ ही लिखा, “जो तुष्टीकरण करे वो सही?”

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने @KPUSHPENDRA15 कन्हैया को जवाब देते हुए लिखा, “मुस्लिम अगर देशभक्त हैं तो 1947 में बंटवारा क्यों हुआ। अगर हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई हैं तो फिर कश्मीरी पंडित बेसहारा क्यों हुआ।”

कर्व नारायण @Karv36 ने लिखा, “आप कितना भी चिल्ला लो, इस देश का युवा सच्चाई जानता है कि तथा कथित बापू को गोडसे जी ने क्यूं मारा था! गांधी ने कहा था कि इस देश का बंटवारा उनकी लाश के ऊपर होगा फिर गांधी ने क्यूं नहीं रोका बंटवारा को! गोडसे जी ने तो केवल तथा कथित बापू कि इच्छा को पूरा किया था!”

निधि गुप्ता @NidhiGupta_IND लिखती हैं, “प्रोटेस्ट के दौरान हाथों में पिस्टल लेकर “जय श्री राम” और “वंदे मातरम” का नारा लगा कर फिर से हिंदुओं को बदनाम करने की साज़िश रची गयी है।” अमित राय @raiamit101 ने लिखा, “जब आजादी की लड़ाई लड़ रहे हो तो जान जाने से क्यों डरना। कैसे नकली क्रांतिकारी हो तुम लोग। कहां गया इंकलाब जिंदाबाद।”

शदाब खान @Shadabkhan372 लिखते हैं, “मंत्री नारे लगवाता है ‘गोली मारो…’ एक बंदा जाकर गोली मार आता है। मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। एक चैनल इसे उल्टा प्रदर्शनकारियों पर इल्ज़ाम मढ कर ख़बर गढ़ता है। साज़िश के तार समझिए। जांच तो होती रहेगी।”

लखन गर्ग ने लिखा, “@lakhan0708 ने लिखा, “गो… तो नाबालिग निकला है। तो क्यों न उसको भी सिलाई मशीन देकर सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए? सेना को पत्थर मारने वाले मासूम हो सकते हैं तो वो मासूम क्यों नहीं? बलात्कारियों से गलती हो सकती हैं तो इससे क्यों नहीं?”