भारत और स्पेन के बीच में हुए रक्षा सौदे का असर जमीन पर दिखने लगा है। भारत में आज बुधवार को पहला C-295 विमान गुजरात के वडोदरा में लैंड कर गया है। विमान को ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी उड़ा रहे थे। यहां ये समझना जरूरी है कि साल 2021 में भारत ने एयरबस के साथ एक डील की थी, उस डील के तहत 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमानों को देश में आना है।
क्या है खासियत?
जानकारी के लिए बता दें कि सी-295 विमान को टेकऑफ करने के लिए बस 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए होगा, वहीं उतरने के लिए तो मात्र 420 मीटर ही काफी रहेगा। इसके अलावा इस विमान में 6 हार्डप्वाइंट्स रहने वाले हैं, ठइस वजह से इसमें हथिायार लगाने की अलग जगह मौजूद होगी। C-295 विमान लगातार 11 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। इस विमान को हवा में ही रिफ्यूल किया जा सकता है। C-295 विमान को पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उतारा जा सकता है। यह विमान 9250 किलो तक का वजन उठाने में सक्षम है।
इस विमान में दो इंजन हैं और विमान 482 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। C-295 विमान एक इंजन की मदद से 13 हजार 533 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। वहीं दोनो इंजन की मदद से यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। ये डील भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी करने जा रही है।
कहां होने वाला है इस्तेमाल?
C-295 एक टैक्टिकल विमान के रूप में मुख्य हवाई क्षेत्रों से देश के सीमा के नजदीक संचालित हवाई क्षेत्रों तक सैनिकों और राशन ले जाने में सक्षम है। यह छोटी और संकीर्ण हवाई पट्टियों पर भी आसानी से काम कर सकता है क्योंकि यह शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग में सक्षम है। असल में जिन 56 विमानों की डील स्पेन से की गई है, वहां पर 16 विमानें ही सिर्फ स्पेन से बन भारत आने वाले हैं। वहीं बाकी बचे 40 विमान में भारत में ही टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा बनाए जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि 2026 तक सभी 56 विमान वायुसेना में शामिल हो जाएंगे।