वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश करने जा रही हैं। उस बजट को लेकर कई तरह की चर्चा की जा रही है। चुनाव का समय है, ऐसे में चुनावी बजट की भी उम्मीद लग रही है। इसके साथ-साथ जानकार मान रहे हैं कि इस अंतरिम बजट में भी सरकार हर वर्ग का ध्यान रखने वाली है, यानी कि सभी के लिए कुछ ना कुछ रखा गया है।

इस बार केंद्र सरकार का फोकस महिला सम्मान,युवाओं को रोजगार और गरीबी मिटाओं पर रह सकता है। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी सरकार जाति-धर्म के आधार पर कभी भी भेदभाव नहीं करती है, बल्कि महिला, युवा और गरीबों को आगे बढ़ाने पर सारा जोर दिया जाता है।

सरकार ने अपने पिछले बजटों के जरिए भी इन्हीं वर्गों को साधने का काम किया है। फिर चाहे वो किसानों के लिए किसान सम्मान निधि योजना शुरू करना रहा हो, या बात हो फसल बीमा योजना की। इसी तरह गरीबों के लिए आयुष्मान भारत और महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना शुरू करना भी बड़ी पहल में गिना जाता है। युवाओं को ध्यान में रखकर इस सरकार ने मुद्रा योजना शुरू की गई थी, स्टार्ट अप इंडिया भी लॉन्च किया गया।

अब अपने आखिरी बजट में भी मोदी सरकार इन्हीं वर्गों को साधते हुए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में किसानों को बड़ी सौगात मिल सकती है। किसान निधि के तहत मिलने वाली राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार किया जा सकता है। इसके साथ-साथ रोजगार बढ़ाने के लिए पीएलआई स्कीम का दायरा बढ़ाने पर भी विचार संभव है। वहीं मुद्रा के तहत मिलने वाले लोन को भी सरकार बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। महिलाओं के लिए भी नई सेविंग स्कीम शुरू करने से लेकर पुरानी स्कीम को आगे बढ़ाने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।

गरीबों को ध्यान में रखते हुए सरकार अपनी अन्न योजना को 2028 तक लागू रख सकती है। चुनाव को देखते हुए इस ऐलान को भी काफी अहम माना जा रहा है। इसके ऊपर वर्तमान में क्योंकि ग्रोथ रेट सही चल रही है, ऐसे में कुछ लोक लुभावन ऐलान भी संभव हैं। चुनाव को देखते हुए सरकार अगर मिडिल क्लास के लिए कोई छूट का ऐलान कर सकती है तो दूसरी तरफ कई प्रोडक्ट्स पर कम जीएसटी वाली राहत भी दे सकती है। 2019 का जो मोदी सरकार का अंतरिम बजट था, उसमें भी किसानों के लिए जब निधि योजना शुरू की गई थी, उसे चुनाव से जोड़ते हुए देखा गया था, ऐसे में क्या पता एक बार फिर कोई बड़े वादे हो जाएं।