Budget 2019 India Highlights, Union Budget 2019-20 Highlights Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया। देश के आम बजट में एक ओर जहां गरीबों पर टैक्स का बोझ बढ़ाया गया है, तो वहीं मिडिल क्लास के घर के सपनों को मुमकिन बनाने की कोशिश की गई है। हालांकि, मीडिल क्लैस के लिए टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके अलावा गांव-देहात तक पानी, बिजली, शौचालय और गैस कनेक्शन को व्यापक स्तर पर मुमकिन बनाने पर जोर दिया गया है। मोदी सरकार ने अपने बजट में पेट्रोल-डील को एक रुपये मंहगा कर दिया है। वहीं, सोना तथा सिगरेट, गुटखा और बीड़ी पर भी टैक्स का दायरा बढ़ा दिया है।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि 2 करोड़ की आय तक टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि, 2-5 करोड़ की आय वाले पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त टैक्स लागू किया गया है। वहीं, 5 करोड़ से अधिक आय वालों को 4 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा। मिडिल क्लास के लोगों को सस्ता घर (45 लाख रुपये) खरीदने पर 3.5 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाएगी। आम बजट में छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एक ग्रिड से बिजली, मेट्रो विस्तार, जल मार्ग से माल ढुलाई, सड़कों का विस्तार और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने का ब्यौरा पेश किया गया।
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान बताया कि भारत इसी वर्ष 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में बैंकिंग सेंक्टर में उठाए गए सुधारात्मक कदम के सकारात्मक नतीजे आए हैं। बैंकों का 1 लाख करोड़ रुपये का NPA कम हुआ है। जबकि, बीते 4 सालों में 4 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मत्स्य क्षेत्र में प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की और नए बने मत्स्य पालन , पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय को 3,737 करोड़ रुपये का आवंटन किया। सीतारमण ने संसद में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा , " मछली पकड़ने वाले और मछुआरा समुदाय खेती से करीब से जुड़े हुए हैं और ये ग्रामीण भारत के लिए बहुत अहम हैं। " उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन विभाग नई योजना ‘ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)’ के जरिए एक सुदृढ़ मत्स्य पालन प्रबंधन रूपरेखा स्थापित करेगा। इस योजना के जरिए अवसंरचना , आधुनिकीकरण , उत्पादकता , फसल कटाई उपरांत प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण सहित संपूर्ण श्रृंखला को मजबूत बनाने के रास्ते में मौजूद बाधाओं को दूर किया जाएगा। नए मंत्रालय को आवंटित कुल बजट में से 2,932.25 करोड़ रुपये पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं पर खर्ज की जाएंगी जबकि मत्स्य पालन क्षेत्र की योजनाओं के लिए 804.75 रुपये रखे गए हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए इस बार 29,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 17 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में सामाजिक क्षेत्र को काफी तवज्जो दी गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए इस बार 29,164.90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। इसमें से 19,834.37 करोड़ रुपये आंगनवाड़ी सेवाओं के लिए है। इसके पहले के वित्त वर्ष में मंत्रालय के लिए 24,758.37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
सरकार को सिगरेट और अन्य उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी से शुद्ध रूप से 25,000 रुपये प्राप्त होंगे। वहीं अत्यधिक अमीरों यानी ‘सुपर रिच’ पर अधिभार से सरकार को चालू वित्त वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। इन उपायों से सरकार को अतिरिक्त आय जुटाने में मदद मिलेगी।
सरकार ने चरणबद्ध तरीके से कॉरपोरेट कर की दर को कम करने का वादा किया था। अपने इसी वादे के अनुरूप बजट 2019-20 में कॉरपोरेट कर की निचली 25 प्रतिशत की दर का दायरा बढ़ाते हुए 400 करोड़ रुपये के कारोबार वाली कंपनियों को इसके तहत लाया गया है। इससे देश की 99.3 प्रतिशत कंपनियां 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर के दायरे में आ जाएंगी।
बजट 2019-20 में सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने के प्रस्ताव से सर्राफा उद्योग ने निराशा जताई है। उनका कहना है कि इससे देश में स्वर्ण उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा और इसके गैरकानूनी कारोबार तथा तस्करी का खतरा बढ़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अपने बजट भाषण में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया।
विश्व स्वर्ण परिषद के भारत में प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी आर ने बजट प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘आयात शुल्क वृद्धि से देश का स्वर्ण उद्योग नकारात्मक तरीके से प्रभावित होगा। इससे ऐसे समय सोने को निवेश की संपत्ति बनाने के प्रयासों को झटका लगेगा जबकि वैश्विक स्तर पर इसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है।’’
सोना और अन्य बेशकीमती धातुएं, पेट्रोल, डीजल, ऑटो पार्ट्स, तंबाकू, डिजिटल, सीसीटीवी व आईपी कैमरा, इंपोर्टेड किताबें, ऑप्टिकल फाइबर्स, काजू, कुछ सिंथेटिक रबड़, विनाइल फ्लोरिंग, पॉली विनाइल क्लोराइड (पीवीसी), टाइल्स, मेटल फिटिंग्स, फर्नीचर के लिए इस्तेमाल होने वाली माउंटिंग्स, डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर्स, सिगरेट, लॉक्स, स्पलिट सिस्टम एसी, डीवीआर, लाउड स्पीकर।
केन्द्रीय बजट 2019-20 में इस बार रक्षा क्षेत्र के लिये 3.18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं, बीते साल के बजट में यह राशि 2.98 लाख रुपये थी। रक्षा बजट के लिए आवंटित कुल राशि में से 1,08,248 करोड़ रुपये नए हथियारों, प्लेटफार्मों और सैन्य हार्डवेयर की खरीद के वास्ते पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं।
वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर खर्च समेत राजस्व व्यय को 2,10,682 करोड़ रुपये आंका गया है। 2018-19 के बजट में यह 1,88,118 करोड़ रुपये था। हालांकि, कुल रक्षा बजट में इस बार कोई परिवर्तन नहीं किया गया और यह एक फरवरी को पेश किये गए अंतरिम बजट के रक्षा कोटे के समान ही रहा।
वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में आम आयकरदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन अमीरों को अब अपनी आय पर अधिक आयकर चुकाना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए दो करोड़ रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक कम की सालाना व्यक्तिगत आय पर 25 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। वहीं पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 37 प्रतिशत का अधिभार देना होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि नयी मोदी सरकार के पहले आम बजट से समाज के किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं मिली है और साथ ही कर का बोझ भी बढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा, ''''क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है जिसमें कुल राजस्व, कुल Ÿखर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं।''''
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, '''' आम नागरिकों या जानकार अर्थशास्त्रियों की आवाज को सुने बिना यह बजट तैयार किया गया। यह बजट आर्थिक समीक्षा से पैदा हुई मामूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं है।''''
केंद्र ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के लिए ईवीएम मशीनों की खरीद पर 2018-19 में करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किये। इस बजट में लोकसभा चुनावों के लिए 1000 करोड़ रुपये चिह्नित किये गये हैं। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आम चुनाव के खर्च पर केंद्र सरकार की ओर से सहायता के लिए 339.54 करोड़ रुपये चिह्नित किये गये हैं।
पुरानी और बेकार हो चुकीं ईवीएम को नष्ट करने के लिए भी इस धन का इस्तेमाल किया जाएगा। ईवीएम की खरीद पर पिछले साल 3902.17 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में 10 लाख से अधिक ईवीएम और इतनी ही पेपर ट्रेल मशीनों का इस्तेमाल किया गया।
वह बजट दस्तावेज लाल रंग के बैग में लेकर पहुंचीं जिसपर राष्ट्रीय चिह्न बना हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी शाम पांच बजे बजट पेश करने की अतीत की परंपरा को बदला था। उसके बाद से सभी सरकारों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता रहा है। परंपरागत भारतीय व्यापारी अपना हिसाब-किताब बही खाते में रखते हैं।
"गांव, गरीब और किसान" व हर नागरिक के जीवन को "अधिक सरल" बनाने के मकसद से पेश किए गए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में बुनियादी आर्थिक व सामाजिक ढांच के विस्तार, पेंशन और वीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए हैं।
सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के बजट भाषण में कहा- हालिया चुनाव में एक आकर्षक और मजबूत भारत की उम्मीदें लहरा रही थीं और लोगों ने एक ऐसी सरकार को चुना जिसने काम कर के दिखाया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने पहले कार्यकाल में ‘न्यू इंडिया’ के लिए काम शुरू कर दिया था। अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और आगे चलकर लालफीताशाही को और कम किया जाएगा।
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि 2019-20 का बजट गरीब, गांव, किसान के लिए है। इसमें सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बजट किसानों के लिए कुछ भी खास नहीं है। यह पुराने बजट की ही पुनरावृत्ति है।
सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बजट को शानदार बताया और कहा कि वह इलेक्ट्रिक हाइले बनाने की तैयारी कर रही हैं और इस पर काम चल रहा है। गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर शुल्क बढ़ाने से लोगों की जेबों पर इसका असर नहीं पड़ने वाला। क्योंकि, पहले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उनकी सरकार ट्रांजैक्शन के खिलाफ नहीं है। बल्कि, कैश के खिलाफ है। गौरतलब है कि बजट में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक कैश ट्रांजैक्शन करता है, तो उस पर 2 फीसदी का टीडीएस लगेगा।
मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक महिला बजट पेश करती है यह गर्व की अनुभूति करता है। नारी ही नारायण है।यह धारण अगर देश के लोग समझ लें, तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म हो जाएगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि आम बजट देश के गांव, गरीब और किसानों के हित में है। यह प्रधानमंत्री के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपनों को पूरा करने वाला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बजट को सभी के लिए बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट भारत के सामूहिक विकास वाला है और इससे देश की जनता की प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि बजट युवा, महिला, गरीब और किसानों को पंख देने वाला है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट को सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन लाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट के माध्यम से 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह बजट अमीर, गरीब और मध्यम वर्ग सभी के लिए बेहतर है।
मोदी सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट को देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को धार देने वाला बताया।
बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में 334.61 पॉइंट की गिरावट देखी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को देश की जनता की उम्मीदों को पूरा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कोई फुल टाइम महिला वित्त मंत्री ने इसे पेश किया है। मेरी शुभकामनाएं हैं।
लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक बजट में कुछ भी नया नही है। उन्होंने कहा कि सरकार 'न्यू इंडिया' की बात करती है। लेकिन यह बजट नई बोलत में पुरानी शराब की तरह है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम बजट 2019 को गरीबों के लिए हितकारी और मिडिल क्लास के प्रगित में मददगार साबित होने वाला बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इससे कृषि के क्षेत्र में भी विकास होगा।
सोना पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। अब सोना पहले के मुकाबले ज्यादा महंगा हो जाएगा। इसके अलावा दूसरे अन्य कीमती घातुओं और माणिकों पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है।
पेट्रोल-डीजल होगा मंहगा। कीमतों में एक रुपये का इजाफा। साथ ही सोना तथा तंबाकू पदार्थों की कीमतें भी बढ़ेंगी।
2-5 करोड़ की कमाई पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स। 5 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर 4 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स। 2 करोड़ से कम आय वालों के टैक्स में कोई बदलाव नहीं।
बैंक खाते से 1 साल में एक करोड़ रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर 2 फीसदी का टीडीएस देना होगा।
सस्ता घर खरीददारों को राहत। 15 साल के लिए 45 लाख रुपये का होम लोन लेने पर करीब 3.5 लाख रुपये की टैक्स छूट।
अगर लोन दिया तो 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट। इलेक्ट्रिक कारों पर 5 फीसदी की जीएसटी। 400 करोड़ वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत का टैक्स। पहले 250 करोड़ वाली कंपनियों पर था 25 प्रतिशत का टैक्स।
प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) में 78% का इजफा। 6.8 लाख करोड़ से 11. 37 लाख करोड़ रुपये हुआ प्रत्यक्ष कर। हर साल दोहरे अंक में बढ़ रहा है प्रत्यक्ष कर।
20 रुपये का नया सिक्का आएगा। 1, 5 और 10 रुपये के नए सिक्के आएंगे।
अब हाउसिंग फाइनैंस को भी आरबीआई के दायरे में लाया गया है। सरकारी कंपनिया बेची जाएंगी। 1 लाख 5 हजार करोड़ का विनिवेश प्लान।
बैंकिंग में क्लिनंग के अच्छे नतीजे आए हैं। एनपीए 1 लाख करोड़ रुपये कम हुआ। 4 साल में 4 लाख करोड़ की वसूली। 70 हजार करोड़ रुपये सरकारी बैंक को देंगे। देश में सरकारी बैंक 8 रह गए हैं।
चीड़िया एक पंख से उड़ान नहीं भर सकती। ग्रामी अर्थव्यवस्था में औरतों की भागीदारी सराहनीय है। नारी के जीवन के सुधार पर रहेगा जोर। सामाजिक और आर्थिक बदलाव पर ध्यान दिया जा रहा है। हाल के चुनावों में दिखाया कि महिलाओं ने अपनी रिकॉर्ड भागीदारी पेश की। औरत के स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुद्रा स्कीम में महिलाओं को 1 लाख रुपये का लोन।
नैशनल रिसर्च फाउंडेशन के तहत रिसर्च को बढ़ावा देंगे। इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा। भारत को एजुकेशन का हब बनाया जाएगा। देश के टॉप संस्थानों को 400 करोड़ दिये जाएंगे। नए एजुकेशन पॉलिसी को लागू किया जाएगा।
2024 तक 'हर घर जल' योजना को लागू किया जाएगा। इसके जरिए घर-घर तक पानी पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने बताया कि 9.69 शौचालय बने हैं। 5.6 लाख से अधिक गांव खुले में शौचमुक्त घोषित किए गए। 95 फीसदी शहरों को भी शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है।
अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाएंगे। दलहन का उत्पादन अच्छा हुआ। उम्मीद है तिलहन का भी किसान अच्छा उत्पादन करेंगे।
हर रोज बन रहे हैं 135 किलोमीटर हाइवे बना रहे हैं। ग्रामीण सड़क योजना में 30 हजार किमी सड़कें। 5 सालों में सवा लाख किमी सड़कों का निर्माण।